प्रकाशित: सितम्बर 03, 2015 10:10 AM IST | अवधि: 5:05
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दिल्ली के कापसहेड़ा और गुड़गांव के उन गांवों में, जहां बिहार, उत्तर प्रदेश और ओडिशा से आए मज़दूर रहते हैं। आपको हैरानी होगी। सेलुलर जेल और जिन किराये के मकानों में मज़दूर रहते हैं, दोनों में कोई अंतर नहीं है।