गरीबी के बीच मेहनत और कामयाबी की एक कहानी बाड़मेर से आई है। एक दिहाड़ी मज़दूर का बेटा डॉक्टर बनने जा रहा है। उसे दिल्ली के एम्स में दाखिला मिला है।
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