एक बार फिर से अल्पसंख्यकों के आरक्षण का सवाल खड़ा हो गया है। उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी के इस बयान पर तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं कि मुसलमानों को विकास में भागीदार बनाने के लिए अफर्मेटिव ऐक्शन की ज़रूरत है। केंद्र सरकार कह रही है कि वो हिंदू-मुसलमान को अलग-अलग करके देखने के हक़ में नहीं है।