राजनीति वह फैक्ट्री है जिसमें अतीत का ही माल बनता रहता है। नया हो या पुराना सब पर अतीत का लेबल। साज़िश, सीबीआई, दंगे, हत्याएं, भ्रष्टाचार के आरोप रुटीन बन जाते हैं।
Advertisement