आतंकवाद को झेलते हुए हमें कई साल हो गए हैं... क्या अभी भी हमारी पुलिस या सुरक्षा एजेंसियां इस बात से बेखबर हैं कि ऐसी चीज़ों की तह तक कैसे पहुंचा जाए...।
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