प्रकाशित: सितम्बर 16, 2013 09:00 PM IST | अवधि: 39:42
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पीढ़ियों से एक हैं हम... सदियां हैं गवाह... साथ रहना, साथ चलना गलियां हैं गवाह... आज के अखबारों में यूपी सूचना एवं जनसपंर्क विभाग के विज्ञापन के आखिर में छपे इस शेर को पढ़कर अच्छा लगा लेकिन अपील और मरहम की यह ज़ुबान भी अब रस्मी लगने लगी है।