प्राइम टाइम : बाबा साहब अंबेडकर का लोक रूप

  • 44:52
  • प्रकाशित: अप्रैल 14, 2015
सिनेमा व्‍यू
Embed

हमने सार्वजनिक माध्यमों में अंबेडकर की मौजूदगी को इतना कृत्रिम और अवसरवादी राजनीतिक बना दिया है कि भूल जाते हैं कि बाबा साहब को याद करते हुए कोई रो भी देता है, कोई हंस भी देता है और कोई शुक्रगुज़ार हो नारे लगाने लगता है, जैसे उनकी ज़िंदगी में कोई दूत आ गया हो। लोक उत्सव में अंबेडकर या अंबेडकर का लोकरूप तो कहीं नहीं दिखता। क्यों नहीं दिखता, इसी सवाल का जवाब ढूंढता प्राइम टाइम...

संबंधित वीडियो

बदायूं में भगवा रंग से रंगी आंबेडकर की मूर्ति
अप्रैल 10, 2018 12 PM IST 2:58
सामाजिक-आर्थिक ग़ैर-बराबरी कम करने का एजेंडा : पीएल पुनिया
अप्रैल 14, 2015 08 PM IST 1:11
दलित समाज को वोट बैंक के रूप में प्रयोग किया गया : विवेक कुमार
अप्रैल 14, 2015 08 PM IST 1:28
अंबेडकर राष्ट्रीय धरोहर हैं : महेश शर्मा
अप्रैल 14, 2015 08 PM IST 1:05
कभी कांग्रेस टिकट पर लोकसभा नहीं गए अंबेडकर : डॉ अरविंद कुमार
अप्रैल 14, 2015 08 PM IST 1:14
न्यूज़ प्वाइंट : अंबेडकर की विरासत पर दावा
अप्रैल 14, 2015 08 PM IST 39:36
Our Offerings: NDTV
  • मध्य प्रदेश
  • राजस्थान
  • इंडिया
  • मराठी
  • 24X7
Choose Your Destination