वास्तव में बड़ा सवाल यह है कि क्यों IIT प्रवेश परीक्षा या JEE के लिए अब तक बहुविकल्पी प्रश्नों वाले फॉरमैट का इस्तेमाल करते हैं. यह फॉरमैट मशीन द्वारा ग्रेडिंग को संभव बनाने के लिए अपनाया गया था, और फिर लगातार बढ़ती आवेदकों की संख्या की वजह से ज़रूरत बन गया. उन पेपरों का मूल्यांकन, जिनमें हर 'लम्बे' जवाब को पढ़ा जाना होता था, असंभव होता जा रहा था, क्योंकि IIT के पास मानवीय रूप से पेपर जांचे जाने के लिए पर्याप्त संसाधन नहीं थे. इस समस्या का एक संभव हल यह था कि इस काम को आउटसोर्स कर दिया जाए, लेकिन IIT अपनी परीक्षा की निष्पक्षता की जी-जान से हिफाज़त करती रही हैं, और कभी किसी बाहरी एजेंसी को शामिल नहीं किया. यह भी हो सकता है कि लगभग 12 साल पहले जिस वक्त MCQ फॉरमैट को अपनाया गया था, उस वक्त किसी ने कल्पना भी नहीं की थी कि यह इतनी गंभीर समस्याएं पैदा कर देगा.