NDTV Khabar

  • राष्ट्रीय राजमार्ग 31 के ज़रिये पटना में घुसने से ज़रा पहले शोरशराबा शुरू हो जाता है. एक किलोमीटर से भी ज़्यादा दूरी तक सड़क के एक किनारे पर ट्रक खड़े हुए हैं, और राजमार्ग का यह अहम हिस्सा पार्किंग लॉट में तब्दील हो गया है. इसी सड़क पर दूसरी लेन में ट्रक आ-आकर चलते ट्रैफिक में घुसते रहते हैं. ...और यह सब रोज़ाना होने के बावजूद यहां पुलिस का नाम-ओ-निशान भी दिखाई नहीं देता.
  •  उत्तर प्रदेश में प्रतिद्वंद्वी दोस्त बन गए हैं, ताकि 'साझा दुश्मन' BJP से मुकाबिल हो सकें. बहुजन समाज पार्टी (BSP), समाजवादी पार्टी (SP) तथा राष्ट्रीय लोकदल (RLD) के अलावा भी कई दल महागठबंधन बनाकर एक साथ आ रहे हैं, और उम्मीद कर रहे हैं कि उनकी मिली-जुली ताकत प्रतिद्वंद्वी को बुरी तरह हरा देगी.
  • नगर निगम में चुनाव में मिली करारी शिकस्त , लगातार हार और ईवीएम पर ब्लेम की राजनीति करने के बाद अब आम आदमी पार्टी के संयोजक व दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल अपने पार्टी कार्यकर्ताओं या आमजन के सामने खुलकर अपनी राय नहीं रख रहे हैं. दरअसल तथ्य यह है कि केजरीवाल ने अपनी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की. आखिरकार, पार्टी का वोट प्रतिशत 50 फीसदी खिसक जाने के बाद आत्मनिरीक्षण की बात दबे जुबान से स्वीकार की है. पार्टी में उठापटक और इस्तीफों का दौर भी जारी है. मानसून से पहले पार्टी में कई नए घटनाक्रम देखने को मिल सकते हैं.
  • यदि आप पंजाब के गांव-देहात से गुजरें तो आपको गांव की चौड़ी सड़कें नजर आएंगी. कुछ मकान तो दिल्ली की डिफेंस कॉलोनी को भी मात दे रहे हैं. बेहतर बिजली और पानी के बेहतर इंतजाम से लगेगा कि वर्तमान बादल सरकार को सत्ता से बाहर करने की बात जनता क्यों करेगी. आप इन चीजों को देखकर अकाली दल के तीसरी बार सत्ता में आने पर शर्त लगाएंगे. लेकिन आप अपना दांव हार सकते हैं. सच्चाई इससे कुछ हटकर है. यह ऐसी सच्चाई है जो अकाली दल को सत्ता से दूर कर सकती है. यहां तक कि इस राज्य के दो पार्टी सिस्टम के चलन को पूरी तरह से बदल सकती है.

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