ये दिल्ली है मेरी जान! दिल्ली है दिलवालों की! इस शहर में न तो जान दिखती है और न ही कोई दिलवाला, अगर ऐसा होता तो कोरोना के खतरे के बीच लोग यूं शहर छोड़कर नहीं भागते. एक हिंदी फिल्म 'अलग अलग' का वो गाना याद आता है 'गिला मौत से नहीं है मुझे ज़िंदगी ने मारा.' अपने मासूम बच्चों को गोद लिए, कंधों और सिर पर भारी भरकम बैग लिए हवाई चप्पल पहने जो मज़दूर घर जाने के लिए कई दिन भूखे रहकर कई किलोमीटर की दूरी तय कर चुके हैं, उनके लिए शायद ज़िंदगी मौत से भी बदतर है.