अपनी इनकम टैक्स देनदारी जानने के लिए आप NDTV वेबसाइट के टैक्स कैलकुलेटर का इस्तेमाल कर सकते हैं. इस टैक्स कैलकुलेटर के ज़रिये आप अपनी अनुमानित टैक्स देनदारी जान सकते हैं. यह टैक्स कैलकुलेटर मानक कटौती, मकान किराया भत्ते पर मिलने वाली छूट, खुद के, जीवनसाथी के, बच्चों के तथा माता-पिता के लिए दिए गए मेडिक्लेम पॉलिसी के प्रीमियम पर मिलने वाली छूट, होम लोन या एजुकेशन लोन के पुनर्भुगतान पर मिलने वाली छूट या इनकम टैक्स एक्ट की धारा 80सी और 80 सीसीडी के तहत मिलने वाली सभी छूट का ध्यान रखता है.
यह कैलकुलेटर किसी वित्तवर्ष के लिए टैक्स कैलकुलेशन से जुड़ी जानकारी बेहद कम समय में आपको प्रदान करता है.
वित्तवर्ष 2021-22 के बजट में नए टैक्स रिजीम का प्रस्ताव किया गया था, जिसके तहत 15 लाख रुपये प्रतिवर्ष तक आय वाले उन करदाताओं को कम दरों से टैक्स चुकाने का विकल्प दिया गया था, जो इनकम टैक्स एक्ट की अलग-अलग धाराओं के तहत दी जाने वाली छूट हासिल नहीं करेंगे.
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा था, "एक शख्स, जो वर्ष में 15 लाख रुपये कमा रहा है, और किसी भी तरह छूट हासिल नहीं करता है, उसे पुराने रिजीम में देय 2,73,000 रुपये के स्थान पर सिर्फ 1,95,000 रुपये इनकम टैक्स देना होगा..."
बजट में 1 अप्रैल से 31 मार्च के बीच समूचे वित्तवर्ष के दौरान सरकार के लेनदेन और खर्चों का हिसाब-किताब होता है. यह वर्ष की सबसे अहम वित्तीय गतिविधि है, जिस पर आम आदमी के साथ-साथ उद्योगपतियों और निवेशकों की भी नज़र रहती है.
प्रत्येक वर्ष देश का वित्तमंत्री अन्य मंत्रियों, राज्य सरकारों, अर्थशास्त्रियों, उद्योगपतियों तथा कॉरपोरेट निकायों के साथ बजट-पूर्व चर्चा के बाद ही बजट को अंतिम रूप देता है.
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