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बीजेपी के सीनियर नेता राजनाथ सिंह संगठन और सरकारों में कई महत्वपूर्ण पद संभाल चुके हैं. अटल और आडवाणी के समय में भी राजनाथ को बहुत तवज्जो मिलती थी और अब मोदी-शाह के समय में भी राजनाथ बीजेपी के लिए बहुत अहम हैं. राजनाथ का बीजेपी और संघ के प्रति प्रेम बहुत पुराना है. वह जब 13 साल के थे तभी राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़ गए थे. राजनाथ की जिंदगी का सफर बहुत दिलचस्प है. उनका जन्म 10 जुलाई 1951 को चंदौली जिले के छोटे से गांव भाभोरा में हुआ था. वह किसान परिवार से ताल्लुक रखते थे , लेकिन उनकी दिलचस्पी पढ़ाई में थी इसलिए उन्होंने गोरखपुर यूनिवर्सिटी से फिजिक्स में मास्टर्स डिग्री ली और आगे चलकर प्रोफेसर बने. प्रोफेसर से राजनीति में आना एक बिल्कुल ही अलग अनुभव था. कैसा है राजनाथ सिंह का सियासी सफर राजनाथ ने अपने सियासी सफर में लगातार तरक्की की. धीरे-धीरे वह राजनीति के शीर्ष पर पहुंच गए. साल 2000 में वह यूपी के सीएम बने. हालांकि उनका कार्यकाल महज 2 साल तक ही रहा लेकिन फिर वह अटल सरकार में भूतल परिवहन और कृषि मंत्री बनाए गए. अटल के बाद राजनाथ इकलौते ऐसे नेता हैं, जो बीजेपी के दो बार राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे. 2005 के बाद उन्हें 2013 में दोबारा पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया. राजनाथ 2009 में गाजियाबाद और 2014 में लखनऊ से सांसद बने. 2014 में जब बीजेपी की सरकार बनी तो राजनाथ को देश का गृहमंत्री बनाया गया. राजनाथ का पहनावा और भाषा उन्हें आम आदमी के करीब लाती है. धोती-कुर्ता पहनकर जब वह किसानों के बीच अपनी बात रखते हैं, तो जनता उनसे जुड़ाव महसूस करती है. राजनाथ ने जेपी आंदोलन में भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था और इंदिरा की इमरजेंसी के समय वह जेल भी गए थे. हालांकि राजनाथ ऐसे नेता हैं जिनके विपक्षी पार्टियों के नेताओं के साथ भी मधुर संबंध हैं. सियासी गलियारों में उन्हें काफी समझदार और सधी हुई भाषा बोलने वाला नेता माना जाता है. |
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