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यूपी के सियासी गलियारों का बड़ा नाम शिवपाल सिंह यादव (Shivpal Singh Yadav), यूपी के पूर्व सीएम मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) के छोटे भाई हैं. भतीजे और पूर्व सीएम अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) से हुए गहरे मतभेद के बाद शिवपाल ने समाजवादी पार्टी से अलग होकर प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) बनाई और इस लोकसभा चुनाव में वह फिरोजाबाद सीट से अपने भतीजे अक्षय यादव के खिलाफ ताल ठोंक रहे हैं. शिवपाल सिंह यादव को संगठन की राजनीति का माहिर खिलाड़ी माना जाता है. सियासी पंडित बताते हैं कि समाजवादी पार्टी को मजबूत बनाने में शिवपाल का अहम योगदान है इसलिए सपा के पुराने कार्यकर्ताओं पर शिवपाल की पकड़ बहुत मजबूत है. मुलायम सिंह यादव जब राजनीति में संघर्ष कर रहे थे तब शिवपाल मजबूती से उनके साथ खड़े थे. उन्होंने मुलायम से राजनीति सीखी लेकिन आज परिस्थितियां कुछ ऐसी हैं कि उनके मुलायम परिवार से संबंध बहुत मधुर नहीं हैं. कौन हैं शिवपाल जिनका सियासी गलियारों में है इतना प्रभाव 2009 में वह सपा के प्रदेश अध्यक्ष बने और मायावती के शासन में उन्होंने यूपी विधानसभा में विपक्ष के नेता के रूप में अपनी जिम्मेदारी निभाई. बाद में उनके, भतीजे अखिलेश से गहरे मतभेद हो गए और उन्होंने 31 जनवरी 2017 को आने वाले विधानसभा चुनावों के लिए नई पार्टी बनाने का ऐलान कर दिया. 28 सितंबर 2018 को उन्होंने अपनी पार्टी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी की घोषणा कर दी और अब 2019 के लोकसभा चुनाव में वह सपा नेता रामगोपाल यादव के बेटे और अपने भतीजे अक्षय यादव के खिलाफ ताल ठोंक रहे हैं. |
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