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कांग्रेस की सबसे ज्यादा लंबे समय तक अध्यक्ष रहीं सोनिया गांधी ने 1998 में कांग्रेस अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी संभाली थी. सोनिया पहली विदेशी महिला हैं, जिन्हें भारतीय राजनीति ने पूरे दिल से अपनाया और सम्मान दिया. पूर्व पीएम राजीव गांधी के निधन के बाद ही सोनिया गांधी पूरी तरह से राजनीति में सक्रिय हुईं. राजीव गांधी ने सोनिया को सबसे पहले एक रेस्टोरेंट में देखा था, उस वक्त राजीव कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में पढ़ाई कर रहे थे. पहली नजर में ही राजीव को सोनिया से प्यार हो गया था. लेकिन सोनिया के पिता नहीं चाहते थे कि यह शादी हो क्योंकि राजीव, भारत की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के बेटे थे. लेकिन 1968 में यह शादी हुई और 1983 में सोनिया ने भारत की नागरिकता स्वीकार कर ली. सोनिया गांधी का जन्म 9 दिसंबर 1946 को इटली के विसेन्जा से कुछ दूर बसे एक गांव लूसियाना में हुआ था. उनके पिता एक फासिस्ट सिपाही थे. उनका बचपन इटली से कुछ दूरी पर स्थित ओर्बसानो में बीता था. बाद में वह इंग्लैंड चली गईं और उन्होंने कैंब्रिज यूनिवर्सिटी से इंग्लिश लैंग्वेज की पढ़ाई शुरू कर दी. यहीं उनकी मुलाकात भारत के पूर्व पीएम राजीव गांधी से हुई, जिसके बाद सोनिया की जिंदगी में कई उतार-चढ़ाव आए. कैसे शुरू हुआ सोनिया का सियासी सफर सोनिया ने पहला चुनाव 1999 में जीता था. वह पहली बार यूपी की अमेठी सीट से सांसद बनी थीं. उन्हें लोकसभा में विपक्ष का नेता भी चुना गया था. 2004 के आम चुनावों में सोनिया फिर रायबरेली से सांसद बनीं और कांग्रेस को इन आम चुनावों में जीत मिली. 2009 और 2014 में भी सोनिया ने रायबरेली से जीत का परचम लहराया और अब 2019 के लोकसभा चुनावों में वह फिर रायबरेली से चुनावी मैदान में हैं. |
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