इस वर्ष देशभर में सबसे पहले विधानसभा चुनाव त्रिपुरा में ही हुए थे, और उसके लिए 16 फरवरी को मतदान करवाया गया था. त्रिपुरा विधानसभा में 60 सीटें हैं, और उनके लिए वोटों की गिनती, यानी मतगणना 2 मार्च को मेघालय और नागालैंड के साथ होगी.
त्रिपुरा में विधानसभा चुनाव 2023 में लगभग 88 फीसदी मतदान हुआ, जबकि वर्ष 2018 में 91.4 फीसदी मतदान हुआ था. पूर्वोत्तर राज्य में चुनावी मुकाबला त्रिकोणीय रहा, जहां एक ओर भारतीय जनता पार्टी (BJP) और इन्डीजेनस पीपल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (IPFT) का सत्तासीन गठबंधन दूसरा कार्यकाल हासिल करने की कोशिश में था, और दूसरी ओर मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (CPM) ने चुनाव के लिए कांग्रेस से हाथ मिलाया. त्रिपुरा के पूर्व शाही परिवार के वंशज प्रद्योत देबबर्मा की गठित टिपरा मोथा पार्टी इस बार के चुनाव में तीसरी प्रमुख प्रतियोगी रही.
पोल ऑफ एक्ज़िट पोल्स के अनुमानों में BJP को त्रिपुरा विधानसभा में 32 सीटों पर जीत हासिल हो सकती है, जबकि वाम-कांग्रेस गठबंधन और टिपरा मोथा क्रमशः 15 और 12 सीटों पर जीत पा सकते हैं.
वर्ष 2018 में BJP ने ऐतिहासिक जीत दर्ज कर मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (CPM) की 30 साल से भी ज़्यादा वक्त से चली आ रही सत्ता को खत्म किया था. राज्य में कोई मौजूदगी न होने के बावजूद BJP ने पिछले विधानसभा चुनाव में 60 में से 36 सीटों पर जीत दर्ज की थी. उस वक्त CPM ने 16 सीटें जीती थीं, और पिछले चुनाव तक प्रमुख विपक्षी दल रही कांग्रेस एक भी सीट नहीं जीत सकी थी.
BJP ने वर्ष 2018 में त्रिपुरा की क्षेत्रीय पार्टी IPFT के साथ गठबंधन कर सरकार बनाई थी, जिसने 8 सीटों पर जीत हासिल की थी.
विधानसभा चुनाव 2023 में वाम मोर्चे ने कांग्रेस के लिए 13 सीटें छोड़कर 47 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े किए थे. 60-सदस्यीय विधानसभा के लिए BJP ने IPFT के साथ सीट बंटवारा किया, और क्रमशः 55 और 5 सीटों पर चुनाव लड़ा.
प्रमुख प्रत्याशियों में मुख्यमंत्री माणिक साहा, जो टाउन बारदोवाली निर्वाचन क्षेत्र से BJP के उम्मीदवार हैं, और केंद्रीय मंत्री प्रतिमा भौमिक शामिल हैं, जिन्होंने BJP के टिकट पर धनपुर से चुनाव लड़ा. CPM के राज्य सचिव जितेंद्र चौधरी को सबरूम विधानसभा सीट से उतारा गया है.
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