यह ख़बर 12 दिसंबर, 2013 को प्रकाशित हुई थी

दिल्ली में हमारे पास बहुमत नहीं, विपक्ष में बैठकर जनता की सेवा करेंगे : हर्षवर्धन

नई दिल्ली:

दिल्ली में सरकार गठन के बारे में चर्चा को लेकर उप राज्यपाल नजीब जंग से मुलाकात करने के बाद भाजपा नेता हर्षवर्धन ने कहा कि इस मुद्दे पर विस्तार से चर्चा हुई और मौजूदा परिस्थिति में उप राज्यपाल के लिखित पत्र के जवाब में एक पत्र भी सौंपा।

उन्होंने कहा कि भाजपा और उसके सहयोगी अकाली दल को दिल्ली विधानसभा चुनावों में सबसे ज्यादा 32 सीटें हासिल हुईं और इसके लिए दिल्ली की जनता को धन्यवाद देता हूं कि उन्होंने अपना प्रेम और आशीर्वाद हमें दिया। हम राजनीति में ईमानदारी और शुचिता के पक्षधर हैं और राजनीति हमारे लिए सेवा का माध्यम है। कांग्रेस को जनता ने उसके किए की सजा दी है।

हर्षवर्धन ने कहा, मैंने उप राज्यपाल को उनके न्योते के लिए धन्यवाद देते हुए यह कहा कि चूंकि विधानसभा में हमारा बहुमत नहीं है, इसलिए स्पष्ट बहुमत के अभाव में हम सत्ता के बगैर दिल्ली की जनता का सेवा करते रहेंगे। हम विपक्ष में बैठकर जनता की सेवा करेंगे।

हर्षवर्धन ने कहा कि अगर कोई अन्य पार्टी सरकार बनाना चाहती है, तो वह उसका स्वागत करेंगे, लेकिन उन्होंने इस बारे में कोई वादा नहीं किया कि भाजपा इस तरह की सरकार को समर्थन देगी या नहीं। इस तरह के सुझाव भी हैं कि पहली बार चुनाव मैदान में उतरी आम आदमी पार्टी, जो दूसरे सबसे बड़े दल के रूप में उभरी है, को भाजपा अथवा कांग्रेस के बाहरी सहयोग से सरकार बनानी चाहिए, लेकिन 'आप' ने इस संभावना से साफ इनकार किया है।

यह पूछे जाने पर कि क्या उनका विचार राजधानी को ताजा चुनाव की तरफ धकेलना है, हर्षवर्धन ने कहा कि उनकी पार्टी को खंडित जनादेश के परिणामों के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता। उल्लेखनीय है कि 'आप' के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को ही यह स्पष्ट कर दिया था कि उनकी पार्टी कांग्रेस अथवा भाजपा के सहयोग से सरकार बनाने की बजाय दोबारा चुनाव पसंद करेगी।

(इनपुट भाषा से भी)


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