चिराग के तंज पर जवाब देने के लिए जेडीयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता अजय आलोक आए. उन्होंने चिराग के ट्वीट पर जवाब देते हुए लिखा, 'पांच साल बाद साहब भी रहेंगे और जेडीयू भी लेकिन तुमको निगाहें ढूंढेंगी ना जाने तुम कहां होंगे'
झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता हेमंत सोरेन शहर के मोरहाबादी मैदान में शनिवार दोपहर दो बजे आयोजित एक समारोह में हेमंत सोरेन मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे. उनके साथ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डॉ रामेश्वर उरांव, कांग्रेस के विधायक दल के नेता आलमगीर आलम और राष्ट्रीय जनता दल के एकमात्र विधायक सत्यानंद भोक्ता मंत्री पद की शपथ लेंगे. राजभवन के सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री के अलावा शपथ लेने वाले तीन मंत्रियों के नाम के अधिपत्र (वारंट) पर राज्यपाल ने आज सुबह हस्ताक्षर किये.
झारखंड विधानसभा चुनाव (Jharkhand Assembly Election) में झामुमो (JMM) प्रमुख हेमंत सोरेन (Hemant Soren) की गठबंधन पार्टी ने बहुमत हासिल करते हुए बीजेपी सरकार को सत्ता से हटा दिया है. अब हेमंत सोरेन रविवार 29 दिसबंर को झारखंड के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने जा रहे हैं. झारखंड में हेमंत सोरेन के प्रशंसक उन्हें चुनाव में मिली जीत के लिए बुके भेजकर बधाई दे रहे हैं. ऐसे में हेमंत सोरेन ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर अपने प्रशंसकों और जनता से अलग अंदाज में अपील की है कि उन्हें बुके की बजाय बुक भेजें.
हाल में झारखंड में संपन्न विधानसभा चुनावों में राज्य के मुख्यमंत्री रघुवर दास को हराने वाले उन्हीं के मंत्रिमंडल सहयोगी सरयू राय ऐसी उपलब्धि हासिल करने वाले राज्य के दूसरे नेता बन गए हैं. इससे पहले वर्तमान में जेल में बंद गोपालकृष्ण पातर उर्फ राजा पीटर ने ठीक दस साल पहले 2009 में झारखंड के तत्कालीन मुख्यमंत्री शिबू सोरेन को तमाड़ विधानसभा क्षेत्र से उपचुनाव में पराजित किया था. इस कारण सोरेन को मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़नी पड़ी थी. झारखंड के खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री सरयू राय ने 73,945 मत हासिल कर राज्य के मुख्यमंत्री रघुवर दास को उनके ही गढ़ जमशेदपुर पूर्वी से इस बार 15,833 मतों से पराजित कर इतिहास रच दिया. मुख्यमंत्री दास को अपनी परंपरागत सीट पर सिर्फ 58,112 मत मिले.
झारखंड विधानसभा चुनाव (Jharkhand Assembly Elections) में भाजपा (BJP) की हार के बाद पार्टी के कई नेता निराश हैं. वे पार्टी को अभी से 2024 के चुनाव की तैयारी में जुटने की भी नसीहत दे रहे हैं. इस बीच राज्य की गोड्डा सीट से भाजपा सांसद निशिकांत दुबे (Nishikant Dubey) ने चौंकाने वाला बयान दिया है. निशिकांत दुबे ने साफ शब्दों में कहा है कि अपनों से ज्यादा बाहरियों पर भरोसा करने से पार्टी चुनाव हारी है. उ
हेमंत सोरेन (Hemant Soren) ने राज्यपाल से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया. इसके बाद उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि कुल 50 विधायकों के साथ मैंने राज्यपाल से मुलाकात की और मेरे साथ राजद नेता तेजस्वी यादव, कांग्रेस के झारखंड प्रभारी आरपीएन सिंह और झारखंड विकास मोर्चा के प्रमुख बाबूलाल मरांडी भी उपस्थित थे. उन्होंने बताया कि शपथ ग्रहण समारोह 29 दिसंबर को होगा.
बाबूलाल मरांडी (Babulal Marandi) की झारखंड विकास मोर्चा (प्र) ने मंगलवार को हेमंत सोरेन (Hemant Soren) के नेतृत्व में बनने वाली गठबंधन की सरकार को बिना शर्त बाहर से समर्थन देने की घोषणा की है.
झारखंड विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने भले ही स्टार प्रचारकों की बड़ी फौज उतार दी थी, परंतु इस चुनाव में मतदाताओं के कोपभाजन बनने से वे भी अपने प्रत्याशियों को नहीं बचा पाए. दूसरी ओर कम स्टार प्रचारकों के साथ उतरे गठबंधन ने अच्छी सफलता प्राप्त कर झारखंड की सत्ता बीजेपी से छीन ली. बीजेपी के स्टार प्रचारकों की सूची में सबसे ऊपर रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अध्यक्ष अमित शाह ने जिन-जिन क्षेत्रों में रैलियां कीं, अधिकांश क्षेत्रों में भाजपा प्रत्याशियों को हार का सामना करना पड़ा.
झारखंड में कांग्रेस को इस बार 16 सीटें मिली हैं और जेएमएम के साथ सरकर में उसकी अहम भूमिका होगी. कांग्रेस की इस बड़ी सफलता में पार्टी के नेता और राज्य के प्रभारी बनाए गए आरपीएन सिंह की भी बड़ी भूमिका रही है. आरपीएन सिंह ने राज्य कांग्रेस नेताओं के साथ मिलकर प्रत्याशियों के चयन में पूरी तरह से स्वायत्ता बरती और स्थानीय मुद्दों के हिसाब से पूरी रणनीति बनाई.
झारखंड की जुगसलाई विधानसभा सीट से जीतने वाले झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के प्रत्याशी मंगल कालिंदी के पास 30 हजार नगद रुपये हैं. चुनाव आयोग को दिए गए शपथ पत्र के मुताबिक उनके पास 20 हजार रुपये की नगदी है और 10 हजार रुपये बैंक खाते में जमा हैं. मंगल कालिंदी ने बताया है कि साल 2017 में ही उन्होंने माध्यमिक परीक्षा पास की है और उनके पास नाम पर न तो कोई घर है और न कोई प्लॉट है. उनके ऊपर कोई कर्ज भी नहीं है. साल 2019-20 में कुल आय उनको 2 लाख 49 हजार 8 सौ 70 रुपये हुई थी.
झारखंड में बीजेपी की सरकार चली गई और इस परिणाम से बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी खुश हो सकते हैं और इसमें ख़ुश होने के कई कारण हैं. सबसे पहले नीतीश कुमार को अब इस बात का विश्वास हैं कि बीजेपी अपने सहयोगियों से ढंग से बर्ताव करेगी. नीतीश लोकसभा चुनाव के बाद उस घटनाक्रम को अभी तक नहीं भूले हैं जिसमें केंद्रीय मंत्रिमंडल में अनुपातिक प्रतिनिधित्व की मांग को बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कैसे ठुकराया दिया था.
झारखंड में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की हर कोशिश नाकाम साबित हुई है. बीजेपी की इस हार में राष्ट्रीय नेतृत्व से लेकर राज्य के नेता तक शामिल हैं. चुनाव आयोग ने सोमवार रात तक सभी 81 सीटों के परिणाम घोषित कर दिये हैं और राज्य में झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के नेतृत्व में बने झामुमो-कांग्रेस-राजद गठबंधन ने 47 सीटें जीत कर स्पष्ट बहुमत प्राप्त कर लिया है. बीजेपी को सिर्फ 25 सीटें प्राप्त हुईं. बीजेपी की सरकार में सहयोगी रही आजसू को भी गठबंधन तोड़ने का जबर्दस्त खामियाजा भुगतना पड़ा और उसे सिर्फ दो सीटों से संतोष करना पड़ा जबकि उसने 53 सीटों पर चुनाव लड़ा था. आजसू के अध्यक्ष सुदेश महतो सिल्ली से और गोमिया से लंबोदर महतो ही पार्टी की ओर से विधानसभा पहुंच सके. बीजेपी को पिछले बार के मुकाबले 12 सीटों का नुकसान झेलना पड़ा है.
झारखंड विधानसभा चुनाव में चुनाव आयोग ने सोमवार रात तक सभी 81 सीटों के परिणाम घोषित कर दिये हैं और राज्य में झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के नेतृत्व में बने झामुमो-कांग्रेस-राजद गठबंधन ने 47 सीटें जीत कर स्पष्ट बहुमत प्राप्त कर लिया है. झामुमो नेता हेमंत सोरेन ने 27 दिसंबर को मोरहाबादी मैदान में नयी सरकार के शपथग्रहण की घोषणा की है. निवर्तमान मुख्यमंत्री रघुवर दास और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा चुनाव हार गये हैं और भाजपा को सिर्फ 25 सीटें हासिल हुई. इन चुनावों में झामुमो ने रिकार्ड 30 सीटें जीतीं जिससे वह विधानसभा में सबसे बड़ा दल भी बन गया जबकि सिर्फ 25 सीटें जीत पाने से भाजपा का विधानसभा में सबसे बड़ा दल बनने का सपना भी चकनाचूर हो गया.
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा भी चक्रधरपुर की सीट से झामुमो प्रत्याशी सुखराम उरांव से 12,234 मतों से पराजित हो गए. इसके विपरीत झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष और विजयी गठबंधन के नेता हेमंत सोरेन ने बरहेट और दुमका दोनों सीटों से जीत दर्ज की. हेमंत ने जहां बरहेट सीट पर भाजपा के साइमन माल्टो को 25,740 मतों से पराजित किया वहीं दुमका में उन्होंने भाजपा की मंत्री लुईस मरांडी को 13,188 मतों से पराजित कर दिया.
झारखंड में झामुमो गठबंधन ने 47 सीटों पर कब्जा किया. झामुमो नेता हेमंत सोरेन ने 27 दिसंबर को मोरहाबादी मैदान में नई सरकार के शपथग्रहण की घोषणा की है. सत्ताधारी बीजेपी को 25 सीटें हासिल हुई. इन चुनावों में झामुमो ने रिकार्ड 30 सीटें जीतीं जिससे वह विधानसभा में सबसे बड़ा दल भी बन गया जबकि सिर्फ 25 सीटें जीत पाने से बीजेपी का विधानसभा में सबसे बड़ा दल बनने का सपना भी चकनाचूर हो गया.
ठीक 5 साल बाद बीजेपी जहां गठबंधन विहीन चुनाव के मोर्चे पर उतरी और बुरी तरह हारी वहीं झामुमो के नेता सोरेन ने कांग्रेस और राजद के साथ गठबंधन करके चुनाव लड़ा और पूर्ण बहुमत हासिल किया. अब झारखंड बनने के 19 साल बाद पहली बार झामुमो भी चुनाव पूर्व के अपने सहयोगियों के साथ पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने जा रही है.
झारखंड विधानसभा चुनावों में 81 सीटों में से 47 सीट जीतने के बाद गठबंधन के नेता हेमंत सोरेन के निवास पर रात्रि में आयोजित पहले संवाददाता सम्मेलन में सोरेन ने यह बात कही. उन्होंने कहा कि अपनी इस इच्छा के बारे में गठबंधन राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू को सूचित करेगा और यदि उनकी सहमति मिली तो शपथ ग्रहण का कार्यक्रम मोरहाबादी मैदान में आयोजित होगा.
Jharkhand Assembly Election Results: चुनावों में झामुमो ने रिकार्ड 30 सीटें जीतीं जिससे वह विधानसभा में सबसे बड़ा दल भी बन गया जबकि सिर्फ 25 सीटें जीत पाने से भाजपा का विधानसभा में सबसे बड़ा दल बनने का सपना भी चकनाचूर हो गया. झारखंड विधानसभा की 81 सीटों के लिए 30 नवंबर से प्रारंभ होकर 20 दिसंबर तक पांच चरणों में हुए चुनावों के अंतिम परिणाम देर रात्रि घोषित हुए और इनके अनुसार जहां भाजपा को सिर्फ 25 सीटें प्राप्त हुईं, वहीं विपक्षी गठबंधन को कुल 47 सीटें प्राप्त हुईं.
झारखंड विधानसभा चुनाव का परिणाम सोमवार को आया. शाम होते-होते मुख्यमंत्री रघुवर दास ने इस्तीफ़ा भी दे दिया. इसके साथ-साथ आने वाले दिनों में सीएम पद की शपथ लेने वाले हेमंत सोरेन को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और रघुवर दास ने ट्विटर के माध्यम से बधाई भी दे दी. हेमंत सोरेन के लिए यह जीत इसलिए भी मायने रखती है कि उन्होंने इस चुनाव में न केवल रघुवर दास को हराया, साथ-साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह जिन्होंने चुनावी रणनीति और प्रचार की कमान संभाली थी उन्हें भी पटखनी दी.