दिल्ली की सातों संसदीय सीटों पर बीजेपी का कब्जा है. (फाइल फोटो)
खास बातें
- तीसरी बार दिल्ली के मुख्यमंत्री बने केजरीवाल
- केजरीवाल के साथ 6 मंत्रियों ने भी ली शपथ
- दिल्ली के BJP सांसदों ने समारोह से बनाई दूरी
नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी (AAP) के संयोजक और संस्थापक अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने तीसरी बार दिल्ली के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. उनके साथ केजरीवाल सरकार के पिछले कार्यकाल के सभी मंत्री- मनीष सिसोदिया, सत्येंद्र जैन, गोपाल राय, कैलाश गहलोत, इमरान हुसैन और राजेंद्र पाल गौतम ने भी मंत्री पद की शपथ ली. दिल्ली के रामलीला मैदान में शपथ ग्रहण कार्यक्रम रखा गया. बताया जा रहा है कि करीब 40 हजार लोग रामलीला मैदान पहुंचे. शपथ समारोह में AAP ने 50 आम लोगों को बतौर मुख्य अतिथि बुलाया था. अरविंद केजरीवाल ने पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) और दिल्ली के सातों बीजेपी सांसदों को समारोह का न्योता दिया था लेकिन कार्यक्रम में न ही पीएम मोदी पहुंचे और न ही बीजेपी का कोई सांसद.
आम आदमी पार्टी की ओर से पीएम मोदी को आमंत्रण पत्र भेजा गया था. AAP ने दिल्ली के सातों बीजेपी सांसद मनोज तिवारी, डॉक्टर हर्षवर्धन, गौतम गंभीर, मीनाक्षी लेखी, हंसराज हंस, रमेश बिधूड़ी और प्रवेश वर्मा को भी शपथ ग्रहण समारोह में आने के लिए आमंत्रित किया था लेकिन पीएम मोदी वाराणसी दौरे की वजह से समारोह में नहीं पहुंचे. कार्यक्रम में बीजेपी सांसदों के नहीं आने की वजह अभी साफ नहीं हो पाई है. शपथ ग्रहण समारोह में पंजाब से आम आदमी पार्टी के कई विधायक, पंजाब के सांसद भगवंत मान और राज्यसभा से आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह, सुभाष गुप्ता और एस. सी. गुप्ता भी मौजूद रहे.
तीसरी बार अरविंद केजरीवाल ने CM पद की शपथ ली, कैबिनेट में कोई बदलाव नहीं, जानें सभी मंत्रियों के बारे में
बताते चलें कि अरविंद केजरीवाल दो बार दिल्ली के मुख्यमंत्री पद की शपथ ले चुके हैं. 4 दिसंबर, 2013 को दिल्ली में विधानसभा चुनाव हुए थे. 8 दिसंबर को नतीजे आए. बीजेपी को 31, AAP को 28 और कांग्रेस को 8 सीटें मिली थीं. AAP और कांग्रेस ने मिलकर सरकार बनाई. 28 दिसंबर, 2013 को केजरीवाल ने पहली बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. पहले कार्यकाल के दौरान केजरीवाल ने बेबाकी से कई फैसले लिए थे. जिसके बाद उनकी तुलना नायक फिल्म के हीरो (अनिल कपूर) से की जाने लगी थी. सरकार गठन के बाद AAP और कांग्रेस के रिश्तों में खटास आ गई और 49 दिनों तक साझा सरकार चलाने के बाद 14 फरवरी, 2014 को केजरीवाल ने इस्तीफा दे दिया था. 2015 विधानसभा चुनाव में AAP ने 70 में 67 सीटें जीतकर रिकॉर्ड बना डाला था. केजरीवाल ने 14 फरवरी, 2015 को दूसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. (इनपुट IANS से भी)
VIDEO: केजरीवाल ने मंत्रियों के साथ की आगे की प्राथमिकताओं पर चर्चा