बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने विजय कुमार सिन्हा को बधाई देते हुए ट्वीट किया. उन्होंने लिखा, "लालू प्रसाद की साज़िश को NDA ने नाकाम कर दिया. बिहार विधान सभा के अध्यक्ष पद के चुनाव में विजय कुमार सिन्हा के निर्वाचित होने पर बधाई."
पूर्व उप मुख्यमंत्री ने ट्वीट के जरिए यह सनसनीखेज आरोप लगाया और एक मोबाइल नंबर साझा करते हुए दावा किया कि चारा घोटाले में सजा काट रहे होने के बावजूद लालू यादव इस नंबर से बात कर सकते हैं.
माना जा रहा है कि चूंकि भाजपा ने दो उप मुख्यमंत्री में से एक अति पिछड़ा समुदाय और दूसरा पिछड़ी जाति से बनाया था इसलिए विधानसभा अध्यक्ष का पद अगड़ी जाति के विधायक को देने पर पार्टी में सर्वसम्मति बनी है. अगड़ी जाति में भी पार्टी ने भूमिहार जाति के विधायक को इस पद के लिए खोजना शुरू किया, जिसमें विजय कुमार सिन्हा वर्तमान में सबसे वरिष्ठ विधायक हैं.
तेजस्वी ने लिखा है, "माननीय मुख्यमंत्री नीतीश जी 19 लाख नौकरी, शिक्षकों के लिए समान काम-समान वेतन, कृषि ऋण माफ़ी, बिजली दर कम करना, पुरानी पेंशन लागू करना,संविदाकर्मी, शिक्षा पर बजट का 22 फ़ीसदी खर्च करने, उद्योग लगाने, Super Speciality अस्पताल बनाने जैसे जन सरोकारी मुद्दों पर विमर्श क्यों नहीं करते?"
अखिलेश प्रसाद ने कहा, कांग्रेस की सबसे बड़ी गलती थी कि उसने चुनाव लड़ने के लिए गलत सीटों का चुनाव किया. ऐसे में चुनाव में खराब प्रदर्शन पर चर्चा के लिए वह जल्द ही राहुल गांधी से मिलेंगे.
राजद ने झंडातोलन कार्यक्रम का एक वीडियो शेयर करते हुए ट्विटर पर लिखा है, "भ्रष्टाचार के अनेक मामलों के आरोपी बिहार के शिक्षा मंत्री Mewalal Choudhary को राष्ट्रगान भी नहीं आता.. नीतीश कुमार जी शर्म बची है क्या? अंतरात्मा कहाँ डुबा दी?"
बिहार विधानसभा चुनाव और हाल में हुए उपचुनावों में मिली हार के बाद अब एक बार फिर कांग्रेस में अंदरूनी खींचतान खुलकर सामने आ गई है. सोमवार को कपिल सिब्बल (Kapil Sibal) ने कांग्रेस लीडरशिप पर सवाल उठाया. अब लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी (Adhir Ranjan Chaudhary) ने एनडीटीवी से बातचीत में कहा है कि जिन नेताओं को लगता है कि कांग्रेस सही पार्टी नहीं है वे नई पार्टी बना लें या दूसरी पार्टी को ज्वाइन कर लें. विवाद की कड़ी में आज पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम का एक बयान और जुड़ गया. उन्होंने हार की समीक्षा करने की जरूरत बताई.
Bihar CM Nitish Kumar: अब इसे नीतीश कुमार की मजबूरी कहा जाय या चालाकी, उन्होंने 19 लाख रोजगार देने के मामले में बीजेपी के संकल्प से अपना पीछा छुड़ा लिया है. वैसे जहां तीन लाख नौकरियां संभव है, यानी शिक्षा विभाग, उसे उन्होंने अपने खेमे में रखा है.
उपमुख्यमंत्री रेणु देवी को महिला विकास मंत्रालय का जिम्मा सौंपा गया है. वहीं, विजय चौधरी को ग्रामीण विकास, जल संसाधन और संसदीय कार्य मंत्रालय दिया गया है. जेडीयू नेता अशोक चौधरी को भवन निर्माण और अल्पसंख्यक कल्याण विभाग दिया गया है. मेवालाल चौधरी शिक्षा मंत्री होंगे. मंगल पांडेय को स्वास्थ्य और पथ निर्माण विभाग की जिम्मेदारी दी गई है.
सुशील मोदी के विदाई के बाद माना जा रहा है कि केंद्रीय नेतृत्व अब सरकार और पार्टी अपने मनमाफिक तरीके से चलाएगा, साथ ही पार्टी में भूपेंद्र यादव और नित्यानंद राय की जोड़ी का सिक्का चलेगा.
Bihar Oath Ceremony: जनता दल यूनाइटेड (JDU) के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने सोमवार को भले ही सातवीं बार और लगातार चौथी टर्म के लिए बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली लेकिन फिर भी उनसे चूक हो गई. नीतीश जब एक बार, मतलब पहले पन्ने की शपथ लेने के बाद हस्ताक्षर करने पहुंच गए तो उन्हें अपनी गलती का अहसास हुआ. इसके बाद उन्होंने दोबारा गोपनीयत की शपथ ली.
बिहार (Bihar) के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी (Sushil Modi) की जगह अब बीजेपी (BJP) के दो अन्य नेताओं ने ले ली है. सुशील मोदी की कमी खलेगी. सुशील मोदी के पूर्व बॉस नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने आज यह बात कही. यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें मोदी की कमी अनुभव होगी- उन्होंने "हाँ" कहा. नीतीश कुमार ने आज 24 अन्य मंत्रियों के साथ मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली.
सुशील मोदी ने अपने ट्वीट में लिखा, 'भाजपा एवं संघ परिवार ने मुझे 40 वर्षों के राजनीतिक जीवन में इतना दिया कि शायद किसी दूसरे को नहीं मिला होगा. आगे भी जो ज़िम्मेदारी मिलेगी, उसका निर्वहन करूंगा. कार्यकर्ता का पद तो कोई छीन नहीं सकता.'''
Bihar Oath Ceremony: जनता दल यूनाइटेड (JDU) से निकाले गए चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने सोमवार को बिहार (Bihar) के मुख्यमंत्री के रूप में नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के सातवीं बार शपथ ग्रहण करने के बाद उन पर निशाना साधा. प्रशांत किशोर ने कहा कि उन्हें भाजपा (BJP) ने इस पद पर ‘मनोनीत’ किया है और राज्य को कुछ और सालों तक ‘एक थके हुए और राजनीतिक रूप से महत्वहीन हो गए नेता’ के प्रभावहीन शासन के लिए तैयार रहना चाहिए.
Nitish Kumar oath Ceremony: नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने सातवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है. राज्यपाल फागु चौहान ने सोमवार को उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई.नीतीश के अलावा बीजेपी कोटे से दो उप मुख्यमंत्री (तारकिशोर प्रसाद और रेणु देवी) ने भी शपथ ग्रहण की. जनता दल-यूनाइटेड के कोटे से अशोक चौधरी, विजय चौधरी, मेवालाल चौधरी, विजेंद्र प्रसाद यादव और शीला मंडल ने मंत्री पद की शपथ ग्रहण की जबकि बीजेपी के मंगल पांडेय, जीवेश मिश्रा, रामप्रीत पासवान, अमरेन्द्र प्रताप सिंह और रामसूरत राय ने शपथ ली है.नीतीश के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के 15 मंत्रियों ने (नीतीश सहित) सोमवार को शपथ ली.
Bihar Oath Ceremony: कटिहार से चौथी बार निर्वाचित विधायक तारकिशोर प्रसाद को रविवार को बीजेपी विधानमंडल दल का नेता और बेतिया से पांचवी बार विधायक चुनी गईं रेणु देवी (Renu Devi) को उपनेता चुना गया. बाद में इन दोनों को बिहार का उप मुख्यमंत्री (Deputy CM) बनाने का फैसला लिया गया. नीतीश कुमार (Nitish Kumar) नीत नई एनडीए सरकार में तारकिशोर प्रसाद (Tarkishore Prasad) और रेणु देवी ने उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. रेणु देवी अति पिछड़ा वर्ग के तहत नोनिया समुदाय से आती हैं. रेणु देवी ने शपथ लेकर बिहार की पहली महिला उप मुख्यमंत्री बनने का इतिहास रच दिया है.
पीएम मोदी ने ट्वीट किया, 'बिहार के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेने के लिए नीतीश कुमार जी को बधाई. मैं उन सभी को भी बधाई देता हूं जिन्होंने बिहार सरकार में मंत्री के तौर पर शपथ ली. एनडीए परिवार बिहार के विकास के लिए साथ मिलकर काम करेगा. मैं केंद्र सरकार के ओर से बिहार के कल्याण के लिए हरसंभव सहयोग का आश्वासन देता हूं.'
Tejashwi Yadav की अगुवाई में राजद बिहार चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है, लेकिन वह बहुमत के आंकड़े से चूक गई. एनडीए ने करीब 3 सीटों के अंतर से बहुमत हासिल किया.
बीजेपी-जेडीयू गठबंधन वाली इस सरकार में इस बार एक सबसे ज्यादा अलग चीज जो है, वो यह कि इस बार नीतीश कुमार के बीजेपी से सबसे करीबी नेता सुशील कुमार मोदी उनके उपमुख्यमंत्री नहीं बने हैं. इस बार बिहार को दो उप-मुख्यमंत्री मिले हैं, तारकिशोर प्रसाद और रेणु देवी.
चिराग पासवान बिहार चुनाव के दौरान लगातार नीतीश कुमार के खिलाफ हमलावर रहे हैं. उन्होंने जदयू की सभी सीटों पर उम्मीदवार खड़े कर पार्टी को नुकसान पहुंचाया. जदयू इस कारण 43 सीटें ही जीत पाई, जबकि भाजपा 74 सीटों से साथ एनडीए में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी.