यह ख़बर 04 जनवरी, 2012 को प्रकाशित हुई थी

कुशवाहा को भाजपा में शामिल करने पर गरमाई राजनीति

खास बातें

  • भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे पूर्व मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा को पार्टी में शामिल करने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को चौतरफा आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है।
नई दिल्ली/लखनऊ:

भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे पूर्व मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा को पार्टी में शामिल करने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को चौतरफा आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है। कांग्रेस जहां भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में भाजपा की प्रतिबद्धता पर सवाल उठा रही है वहीं उसके अपने सहयोगी भी इस मसले पर उसे कोसने का मौका नहीं छोड़ रहे हैं।

कुशवाहा को भाजपा में शामिल करने पर कांग्रेस प्रवक्ता राशिद अल्वी ने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में भाजपा की प्रतिबद्धता की पोल खुल गई है।

अल्वी ने पत्रकारों से कहा, "भ्रष्टाचार के खिलाफ आडवाणी यात्रा निकाल रहे हैं और लोकपाल के मुद्दे पर भाजपा राष्ट्रपति से मिलती है तो दूसरी तरफ भ्रष्ट लोगों को वह पार्टी में शामिल कर रही है। यह दर्शाता है कि भाजपा भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई को लेकर कितनी प्रतिबद्ध है।"

केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग राज्यमंत्री जितिन प्रसाद ने भी भाजपा की कड़ी आलोचना की है।

प्रसाद ने कहा, "उत्तर प्रदेश में भाजपा की पोल खुल गई है। भ्रष्टाचार के खिलाफ आडवाणी की यात्रा के बावजूद वह वोटों के लिए
किसी का भी स्वागत कर सकती है। देश के सबसे ईमानदार राजनीतिक दल होने के उसके दावे की पोल खुल गई है।"

कांग्रेस की उत्तर प्रदेश इकाई की अध्यक्ष रीता बहुगुणा जोशी ने कहा कि भाजपा का चरित्र लाभ से प्रेरित है। भाजपा व बहुजन समाज पार्टी (बसपा) एक ही सिक्के के दो पहलू हैं।

जोशी ने कहा, "जिस कुशवाहा को बसपा जैसी पार्टी ने निकाला उसे भाजपा ने गले लगा लिया यानी वह बसपा से भी बड़ी भ्रष्ट पार्टी है। भ्रष्टाचार के खिलाफ रथयात्राएं निकालने वाली भाजपा का दोमुंहा चेहरा जनता के सामने आ गया है। भाजपा का चरित्र लाभ से प्रेरित है। प्रदेश में भाजपा की जो थोड़ी बहुत साख थी वह भी चली गई है।"

जोशी ने बसपा और भाजपा पर आपसी सांठगांठ का आरोप लगाते हुए कहा, "आगे से दोनों पार्टियों के दरवाजे अलग-अलग हैं लेकिन अंदर से एक हैं। दोनों पार्टियां एक थीं, एक हैं और भविष्य में मौका मिला तो फिर एक हो जाएंगी।"

वरिष्ठ कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने कहा, "भाजपा के वरिष्ठ नेताओं को यह जांच करनी चाहिए कि कहीं एनआरएचएम घोटाले का पैसा लेकर कुशवाहा को पार्टी में शामिल तो नहीं किया गया।"

जद (यु) के अध्यक्ष व राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के संयोजक शरद यादव ने कहा, "उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में दागियों को टिकट नहीं दिया जाना चाहिए। यदि ऐसे दागियों को टिकट दिया जाता है, मैं क्या कह सकता हूं। वे हमारे सहयोगी हैं। बस यही कह सकते हैं मुझे माफ करो..।"

इस बीच, कुशवाहा के निवास पर बुधवार को पड़े केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के छापे को भाजपा ने कांग्रेस और बसपा की राजनीतिक साजिश करार दिया है। पार्टी के मुताबिक सीबीआई इस मसले पर पिछले कई महीनों तक चुप रही और भाजपा में शामिल होने के अगले ही दिन उसे को कुशवाहा के खिलाफ सबूत मिल गए।

भाजपा उपाध्यक्ष मुख्तार अब्बास नकवी ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, "भाजपा भ्रष्ट लोगों को शरण नहीं दे रही है। लेकिन सीबीआई के छापे राजनीति से प्रेरित हैं। सीबीआई को इस छापेमारी में इतना वक्त कैसे लग गया।"

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

भाजपा की उत्तर प्रदेश इकाई के प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा, "कुशवाहा मंगलवार शाम को भाजपा में शामिल हुए। इससे पहले तक सीबीआई के पास कुशवाहा के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कोई सबूत नहीं था, लेकिन भाजपा में शामिल होने के कुछ समय बाद ही सीबीआई के हाथ कौन से साक्ष्य लग गए, जिनके आधार पर उसने प्राथमिकी दर्ज कर छापेमारी भी की।" उन्होंने आरोप लगाया कि सीबीआई की कार्रवाई कांग्रेस के इशारे पर की गई है। वह सीबीआई का गलत इस्तेमाल कर रही है।