यह ख़बर 05 मार्च, 2012 को प्रकाशित हुई थी

मंगल या अमंगल, इंतजार में राजनीतिक दल

खास बातें

  • मंगलवार के दिन ये नतीजे किस दल के लिए मंगलमय होंगे और किसके लिए अमंगल... इसकी तस्वीर लगभग दो बजे तक साफ हो जाएगी।
नई दिल्ली:

पांच राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनाव के नतीजे मंगलवार को आ जाएंगे। ये नतीजे किस दल के लिए मंगलमय होंगे और किसके लिए अमंगल इसकी तस्वीर लगभग दो बजे तक साफ हो जाएगी। बहरहाल, अपनी-अपनी जीत के दावे करने में कोई भी दल पीछे नहीं है।

विधानसभा चुनाव के तहत मतदान की प्रक्रिया शनिवार को संपन्न हो गई थी। निर्वाचन आयोग ने मतगणना के लिए तैयारी पूरी कर ली है। मतगणना के लिए 168 केंद्र बनाए गए हैं।

उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखण्ड, गोवा और मणिपुर के 690 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में सम्पन्न हुए मतदान की मतों की गिनती के लिए मतगणना केंद्रों पर सुरक्षा की व्यापक व्यवस्था की गई है।

इस चुनाव की खास बात यह रही है कि पांच राज्यों के 122 जिलों में संपन्न मतदान के दौरान छिटपुट घटनाओं को छोड़ कहीं हिंसा की घटनाएं नहीं हुई। इस दौरान मणिपुर को छोड़ बाकी सभी जगह मताधिकार का प्रयोग करने रिकार्ड संख्या में लोग घरों से निकले।

चुनाव यूं तो पांच राज्यों में हो रहे हैं लेकिन सभी की निगाहें उत्तर प्रदेश पर टिकी है। यहां यह देखना दिलचस्प होगा कि बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सत्ता में वापसी करती है या समाजवादी पार्टी (सपा) के दिन वापस लौटते हैं। यहां भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस ने भी पूरा दमखम लगाया है।

प्रदेश की 403 विधानसभा सीटों के लिए यहां मुकाबला है और जो भी दल 202 के जादुई आंकड़े को छुएगा, सरकार उसी की बनेगी। हालांकि मतदान बाद के अधिकांश सर्वेक्षण इशारा कर रहे हैं कि सपा सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरेगी और सत्ता के करीब रहेगी लेकिन राजनीतिक पर्यवेक्षकों की राय में यहां त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति बन रही है।

इन सर्वेक्षणों में भाजपा को तीसरे और कांग्रेस को चौथे नम्बर की पार्टी बताई जा रही है।

पंजाब में शिरोमणि अकाली दल-भाजपा गठबंधन और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर है तो उत्तराखण्ड में भाजपा और कांग्रेस के बीच कांटे का मुकाबला दिख रहा है। इन दोनों राज्यों के नतीजों पर भी लोगों की नजरें टिकी हैं।

पंजाब विधानसभा की 117 सीटों के लिए मतगणना होगी। मतगणना में 1,078 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला होना है।

राज्य में सत्तारूढ़ शिरोमणि अकाली दल-भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) गठबंधन व विपक्षी कांग्रेस के बीच मुख्य टक्कर है। हाल ही में गठित सांझा मोर्चा भी मैदान में है। राज्य के पूर्व वित्त मंत्री मनप्रीत बादल की नवगठित पीपुल्स पार्टी ऑफ पंजाब (पीपीपी) इसका नेतृत्व कर रही है।

वर्ष 2007 के विधानसभा चुनाव में अकाली दल-भाजपा गठबंधन को 68 सीटें मिली थीं। इनमें अकाली दल की 49 व भाजपा की 19 सीटें हैं। कांग्रेस ने 44 सीटें जीती थीं जबकि पांच सीटें स्वतंत्र उम्मीदवारों के खाते में गई थीं।

उत्तराखण्ड विधानसभा की 70 सीटों के लिए मतगणना होगी। राज्य के तीसरे विधानसभा चुनाव में 788 उम्मीदवारों के भविष्य का फैसला होना है।

गोवा विधानसभा की 40 सीटों के लिए हुए चुनाव में मुख्य मुकाबला सत्तारूढ़ कांग्रेस-राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) गठबंधन व भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)- महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी गठबंधन के बीच है।

यहां के राजनीतिक परिदृश्य में तृणमूल कांग्रेस ने भी पहली बार अपने 20 उम्मीदवार मैदान में उतारे।

बंद व उग्रवाद से जूझ रहे मणिपुर में विधानसभा की 60 सीटों के लिए मतगणना होगी। मतगणना में 15 महिलाओं सहित 279 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला होना है।  

हैट्रिक बनाने की तैयारी में जुटे मुख्यमंत्री ओकराम इबोबी सिंह ने कहा है कि कांग्रेस को कम से कम 35 सीटें मिलेंगी।

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सत्तारूढ़ कांग्रेस जहां लगातार तीसरी बार सत्ता में आने की कोशिश में जुटी है, वहीं विपक्ष ने भी कांग्रेस को सत्ता में आने से रोकने के लिए पांच दलों का एक गठबंधन पीपुल्स डेमोक्रेटिक फ्रंट (पीडीएफ) तैयार किया है। इसमें मणिपुर पीपुल्स पार्टी (एमपीपी), राष्ट्रीय जनता दल (राजद), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा), जनता दल (युनाइटेड) और मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) शामिल हैं।