केरल, तमिलनाडु, पुडुचेरी में विधानसभा चुनाव प्रचार थमा, 19 मई को नतीजे आएंगे

केरल, तमिलनाडु, पुडुचेरी में विधानसभा चुनाव प्रचार थमा, 19 मई को नतीजे आएंगे

केरल में पिछले दिनों हुई एक रैली में पीएम मोदी (फाइल फोटो)

नई दिल्ली:

तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी में 16 मई को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार आज समाप्त हो गया और इसके साथ ही चिलचिलाती गर्मी में चुनाव प्रचार के दो महीने के लंबे दौर के बाद तमिलनाडु विधानसभा चुनाव का शोर आज थम गया।

केरल में जहां कांग्रेस नीत यूडीएफ और माकपा नीत एलडीएफ आमने-सामने हैं। भाजपा इस चुनाव में अपना जोर लगा रही है, जहां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चुनाव प्रचार किया है और केरल के मुख्यमंत्री ओमन चांडी के साथ वाकयुद्ध की स्थिति देखने को मिली। केरल में 2.61 करोड़ लोग मतदान करने के पात्र हैं और वे 140 विधायकों का 16 मई को चुनाव करेंगे, जिसके लिए 1,203 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं, जिसमें से 109 महिला उम्मीदवार हैं।

राज्य में चुनाव प्रचार में कई राष्ट्रीय स्तर के नेताओं ने हिस्सा लिया। चुनाव प्रचार के दौरान सौर घोटाला और बार घोटाला चर्चा में रहा और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सोमालिया से जुड़े बयान से विवाद भी उत्पन्न हो गया। राज्य के मुख्यमंत्री ओमन चांडी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने केरल के लोगों का अपमान किया है। लीबिया से केरल के लोगों के लाने के खर्च से जुड़े मुद्दे पर भी भाजपा और चांडी में आरोपों के तीर चले। केरल में भाजपा इस बार श्री नारायण धर्म परीपालन योगम द्वारा बनाई गई नई पार्टी भारत धर्म जन सेना के साथ मिलकर चुनाव लड़ रही है।

तमिलनाडु के 234 विधानसभा चुनाव क्षेत्रों के पांच करोड़ 79 लाख मतदाता मुख्यमंत्री पद के चार दावेदारों- अन्नाद्रमुक की जे. जयललिता, द्रमुक के एम. करूणानिधि, डीएमडीके के विजयकांत और पीएमके के अंबुमणि रामदास समेत 3,776 उम्मीदवारों की चुनावी किस्मत का फैसला करेंगे।

चुनाव प्रचार का शोर आज शाम पांच बजे थम गया। इससे अपने उम्मीदवारों के लिए प्रचार करने वाले उन नेताओं को थोड़ी राहत मिलेगी, जिन्होंने राज्य भर में घूम-घूम कर मतदाताओं को आकर्षित करने की कोशिश की। राज्य में बहुपक्षीय चुनाव हो रहा है। अन्नाद्रमुक, द्रमुक, पीडब्ल्यूएफ-डीएमडीके-टीएमसी गठबंधन, भाजपा नीत गठबंधन और पीएमके चुनाव में उतरे हैं।

जयललिता लगातार दूसरी बार मुख्यमंत्री बनकर राज्य में एक इतिहास रचने की कोशिश कर रही हैं, जहां हाल के दशकों में कोई पार्टी दोबारा सत्ता में नहीं लौटी है। राज्य में 32 जिलों में फैले 234 विधानसभा क्षेत्रों में 65,616 मतदान केन्द्र बनाए गए हैं। 2011 में इनकी तादाद 54,016 थी। इनमें से 6,300 मतदान केन्द्र संवेदनशील करार दिए गए हैं, जहां सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाई गई है। राज्य के 234 चुनाव क्षेत्रों में से 44 अनुसूचित जातियों के लिए और दो अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षित हैं।

चुनाव आयोग ने राज्य के 17 विधानसभा चुनाव क्षेत्रों में वोटर वेरिफायेबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) का प्रावधान किया है, जिसमें मतदाता यह सत्यापित कर सकेंगे कि उनका मत इच्छित उम्मीदवार को डाला गया है।

अन्नाद्रमुक 227 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। उसने कुछ छोटी पार्टियों के साथ गठबंधन किया है। ये पार्टियां भी अन्नाद्रमुक के चुनावी चिह्न- दो पत्ती पर ही चुनाव लड़ रही हैं। अन्नाद्रमुक महासचिव जयललिता आरके नगर से चुनाव लड़ रही हैं। इस चुनाव क्षेत्र से यह उनकी दूसरी कोशिश है।

द्रमुक ने कांग्रेस और कुछ छोटी पार्टियों के साथ गठबंधन बनाया है। द्रमुक 180 सीटों पर चुनाव लड़ रहा है। 91 साल के करूणानिधि अपने गृह चुनाव क्षेत्र थिरूवरूर से चुनाव लड़ रहे हैं। द्रमुक और भाजपा दोनों ने शराबबंदी और भ्रष्टाचार को अपना चुनावी मुद्दा बनाया है, जयललिता ने अपनी सरकार के पांच साल के प्रदर्शन पर जनादेश मांगा है।

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)


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