अभिनंदन समारोह : पीएम नरेंद्र मोदी ने दिखाया 'न्यू इंडिया' का सपना, 2022 के लिए मांगा आशीर्वाद

अभिनंदन समारोह  : पीएम नरेंद्र मोदी ने दिखाया 'न्यू इंडिया' का सपना, 2022 के लिए मांगा आशीर्वाद

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'न्यू इंडिया' का सपना दिखाकर देश के सवा सौ करोड़ लोगों से भी आशीर्वाद मांग लिया....

खास बातें

  • पीएम ने अपने भाषण में समाज के लगभग सभी वर्गों को लुभाने की कोशिश की
  • सबसे ज्यादा जोर गरीब पर दिया, युवा को भी पुचकारा
  • मध्यम वर्ग के अलावा महिलाओं को खुश करने का प्रयास किया
नई दिल्ली:

उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में बीजेपी की ऐतिहासिक जीत के बाद बीजेपी मुख्यालय में आयोजित अभिनंदन समारोह में पीएम नरेंद्र मोदी ने 2022 का रोडमैप भी सामने रखते हुए समाज के लगभग सभी वर्गों को लुभाने की कोशिश की. दरअसल 2022 में भारत वर्ष के आजादी के 75 साल पूरे हो रहे हैं. उन्होंने 'न्यू इंडिया' का सपना दिखाकर देश के सवा सौ करोड़ लोगों से भी आशीर्वाद मांग लिया. इस तरह से अब बीजेपी का लक्ष्य 2019 का लोकसभ चुनाव नहीं बल्कि 2022 है. अपने आगे के विजन को सबके सामने रखा. उन्होंने अपनी गलतियों के लिए भी माफी मांगी. युवा और महिलाओं को अपने टार्गेट पर रखा और उन्हें लुभाने का भरसक प्रयास किया. इस कड़ी में उन्होंने सबसे ज्यादा जोर गरीब पर दिया. पीएम मोदी ने महिला समूहों को भी लुभाया.

प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय लोकतंत्र के दूसरे बड़े वोट बैंक मध्यम वर्ग को भी प्राथमिकता दी और उनकी मुश्किले कम करने का वादा किया.  मध्यम और गरीब वर्ग के अलावा महिला समूह उनके भाषण के केंद्र रहे. इस तरह से उन्होंने वोट बैंक के लगभग सभी तबके को खुश करने का प्रयास किया. उन्होंने सभी तबकों को विकास पहुंचाने की भी बात की. इस तरह से उन्होंने एक पूरा जिताऊ पैकेज सामने रखा.

उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा, "चुनाव में कौन जीता, कौन हारा, मैं इस दायरे में सोचने वालों में से नहीं हूं. चुनाव का नतीजा हमारे लिए जनता जनार्दन का पवित्र आदेश होता है. जीत के फल के बाद और अधिक नम्र होना हमारी जिम्मेदारी है. सत्ता जनता की सेवा करने का एक अवसर होती है." प्रधानमंत्री मोदी के इस बयान से स्पष्ट है कि उनकी निगाह उस वर्ग को भी अपने पक्ष में करने की है जो अभी भी उनसे कटा हुआ है. उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं को हिदायत भी दी.

पीएम मोदी ने आगे कहा, "मैं देश की गरीबों की शक्ति को पहचान पाता हूं और राष्ट्र के निर्माण में गरीबों को जितना ज्यादा अवसर मिलेगा, देश उतना प्रगति करेगा. गरीब को अगर काम का अवसर मिला, तो वह देश के लिए ज्यादा काम करके दिखाएगा." पीएम मोदी के इस बयान को जानकार कई मायनों में महत्वपूर्ण बता रहे हैं. माना जा रहा है कि उन्होंने 2019 में होने वाले चुनाव के लिए अभी से माहौल बनाना शुरू कर दिया है और जनता को आगे के सपने दिखाना शुरू कर दिए हैं.

प्रधानमंत्री मोदी ने एक और बयान की चर्चा करना लाजिमी है जिसमें अपील नजर आती है. मंच से उन्होंने कहा,  "सरकार सबकी होती है, सबके लिए होती है और सबको साथ लेकर चलने के लिए होती है. सरकार को कोई भेदभाव करने का हक नहीं है." प्रधानमंत्री मोदी का यह बयान खासा चर्चा में हैं और इसके कई निहितार्थ निकाले जा रहे हैं.

प्रधानमंत्री मोदी ने एक बार फिर अपने कठिन परिश्रम का मुद्दा उछालकर आमजन में अपनी लोकप्रियता को मजबूत करने की कोशिशि की. उन्होंने कहा, "मैं ऐसा पीएम जिससे पूछा जाता है, इतनी मेहनत क्यों करते हो...इससे बड़ा सौभाग्य क्या होगा." जाहिर है कि प्रधानमंत्री अपनी कठिन श्रम करने की छवि को और मजबूत करना चाहते हैं. 


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