अखिलेश का पीएम मोदी-योगी आदित्यनाथ पर वार : अगर बिजली नहीं आ रही तो तार पकड़कर दिखाएं...

अखिलेश का पीएम मोदी-योगी आदित्यनाथ पर वार :  अगर बिजली नहीं आ रही तो तार पकड़कर दिखाएं...

सीएम अखिलेश यादव ने पीएम नरेंद्र मोदी को किसी भी गांव या गंगा किनारे आकर बहस की चुनौती दे डाली...

खास बातें

  • मुख्यमंत्री अखिलेश यादव रविवार को पत्रकारों से मुखातिब हुए
  • कहा - प्रधानमंत्री ने उत्तर प्रदेश को कुछ भी नहीं दिया
  • पीएम नरेंद्र मोदी को विकास कार्यो को लेकर बहस करने की चुनौती देते आए
लखनऊ:

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने रविवार को समाजवादी पार्टी के कार्यालय में पत्रकारों से मुखातिब हुए. पत्रकारों के सवालों के जवाब देते समय मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एक तीर से कई निशाने साधे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और योगी आदित्यनाथ का नाम लिए बिना प्रदेश में बिजली वाले मुद्दे पर कहा कि यूपी को वह 24 घंटे बिजली दे रहे हैं, लेकिन गोरखपुर के एक बाबा आरोप लगा रहे हैं कि वहां पर बिजली नहीं आती है.

उन्होंने चुटीले अंदाज में कहा कि वह गोरखपुर के बाबा को चुनौती देते हैं कि वह बिजली के किसी तार को पकड़कर दिखाएं, जिससे पता चले कि वहां पर बिजली आ रही है या नहीं. उनका इशारा योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री मोदी की तरफ था.

गौरतलब है कि 20 फरवरी को फतेहपुर रैली में पीएम नरेंद्र मोदी कांग्रेस और सपा गठबंधन पर जमकर बरसे थे. उन्होंने राज्य की बिजली व्यवस्था को लेकर राहुल-अखिलेश पर कटाक्ष करते हुए कहा था, "पहले ही दिन रथ पर जब दोनों निकले तो रास्तों पर तार मिले. तारों के बीच में कांग्रेस उपाध्यक्ष डर रहे थे. झुक रहे थे. लेकिन अखिलेश जी नहीं डर रहे थे क्योंकि उन्हें पता था कि तार है बिजली नहीं है."  

उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाया कि लगभग तीन साल बीतने को हुए हैं, लेकिन प्रधानमंत्री ने उत्तर प्रदेश को कुछ भी नहीं दिया, जबकि दूसरी तरफ समाजवादी पार्टी की सरकार ने प्रदेश को विकास कार्यों से भर दिया है.  अखिलेश यादव लगातार हर जनसभा में नरेंद्र मोदी को विकास कार्यो को लेकर बहस करने की चुनौती देते आए हैं. पत्रकारवार्ता में भी उन्होंने मोदी को किसी भी गांव या गंगा किनारे आकर बहस की चुनौती दे डाली.

मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार पर भेदभाव करने के जो आरोप लगाए जा रहे हैं, वे गलत हैं. उन्होंने परीक्षाओं में नकल कराए जाने के आरोप को भी खारिज करते हुए कहा कि जिन छात्र-छात्राओं को लैपटॉप दिया गया है, उन्होंने तो नकल नहीं की होगी.

मुख्यमंत्री ने लैपटॉप और कन्या विद्या धन पाने वाली दस छात्राओं के नाम पढ़कर यह साबित करने की कोशिश की कि किसी के साथ भेदभाव नहीं किया. मुख्यमंत्री द्वारा पढ़े गए नामों में अधिसंख्य ब्राह्मण नाम थे, एक भी मुस्लिम नाम नहीं था.

उत्तर प्रदेश में सपा सरकार ने कितने लोगों को रोजगार दिए, इस सवाल के जबाव में बिना किसी आंकड़े के उन्होंने दावा किया कि उत्तर प्रदेश में जितनी सरकारी नौकरियां दी गई हैं, उतनी नौकरियां किसी भी सरकार में नहीं दी गईं. उन्होंने कहा कि सरकारी के अलावा गैर सरकारी सेक्टर में भी काफी नौकरियां दी गई हैं. अखिलेश ने माना कि प्रदेश में काफी गरीबी और बेरोजगारी है लेकिन इसके लिए मोदी सरकार ही जिम्मेदार है, क्योंकि प्रधानमंत्री ने अपना कोई भी वादा पूरा नहीं किया.
 
अखिलेश यादव ने कहा कि उन्हें खुशी है कि आज का नौजवान सभाओं में जींस पहनकर और हाथ में स्मार्ट फोन लेकर आता है, जिससे पता चलता है कि प्रदेश तरक्की कर रहा है. सपा संरक्षक मुलायम सिंह द्वारा जनसभाएं न किए जाने से सपा को नुकसान होने के सवाल पर अखिलेश ने कहा कि इसका जवाब वह 11 मार्च के बाद देंगे.


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