ग्राउंड रिपोर्ट : दूसरे दौर की वोटिंग से पहले बिजनौर में दो समुदायों के बीच झड़प से तनाव

बिजनौर:

बिजनौर चुनाव क्षेत्र के दो गांवों पेदा और नयागांव में एक हत्‍या के मामले को लेकर तनाव का माहौल है. 10 फरवरी की शाम नयागांव निवासी 17 साल के विशाल और उसके पिता संजय पर 10-12 लोगों ने जानलेवा हमला किया जिसमें विशाल की मौत हो गई. विशाल के फूफाजी कहते हैं, '8 लोगों का नाम एफआईआर में है लेकिन पुलिस ने सिर्फ एक आरोपी को गिरफ्तार किया है. हमारी मांग है कि सभी 8 आरोपियों को गिरफ्तार किया जाए. हमले में और भी अनजान लोग शामिल थे.'
एफआईआर में पेदा गांव के पूर्व प्रधान सईद इकबाल का नाम शामिल है. उनके भाई मुख्‍तार अंसारी कहते हैं कि उन्‍हें चुनाव से पहले एक राजनीतिक साजिश के तहत फंसाया गया है. मुख्‍तार ने एनडीटीवी से कहा, 'इकबाल को जानबूझ कर इस केस में आरोपी बनाया गया है. वो बेकसूर है. उसका इस केस से कुछ लेना देना नहीं है.'

इस इलाके में पिछले साल सितंबर में एक समुदाय के 3 लोगों की हत्‍या के बाद भी बिजनौर के बाहरी इलाके के गांव में तनाव लंबे समय तक था. अब 15 फरवरी को यहां चुनाव हैं और इससे कुछ ही दिन पहले हुए इस हत्‍याकांड को लेकर सियासत फिर तेज हो रही है. ये कोशिश हो रही है कि निजी रंजिश को सांप्रदायिक तनाव में बदल कर उसका राजनीतिक फायदा उठाया जाए.

पिछले साल सितंबर में पेदा गांव निवासी पूसा देवी के पति ओमपाल सिंह को पुलिस ने एक समुदाय के तीन लोगों की हत्‍या के मामले में गिरफ्तार कर लिया था. दरअसल पेदा गांव के 29 लोग पिछले साल के हत्‍याकांड के आरोप में जेल में बंद हैं. पूसा देवी एनडीटीवी से कहती हैं, मेरे पति निर्दोष हैं, उन्‍हें फंसाया गया है.'

ऐसे में 10 तारीख की ये घटना तूल पकड़ सकती है और इस इलाके के चुनावी माहौल को प्रभावित कर सकती है.


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