प्रतीक यादव की महंगी कार को बीजेपी ने बनाया निशाना, कहा 'लैंबोरगिनी पर सवार समाजवाद'

प्रतीक यादव की महंगी कार को बीजेपी ने बनाया निशाना, कहा 'लैंबोरगिनी पर सवार समाजवाद'

प्रतीक यादव ने लैंबोरगिनी के साथ एक तस्वीर पोस्ट की जिसने मीडिया का ध्यान खींचा

खास बातें

  • प्रतीक यादव की लैंबोरगिनी के साथ तस्वीर को बीजेपी ने निशाना बनाया
  • बीजेपी ने कहा कि प्रतीक राजनीति में नहीं तो उनकी पत्नी क्यों हैं
  • बीजेपी ने प्रतीक पर टिप्पणी कसते हुए सपा की वैचारिकता पर सवाल उठाया
लखनऊ:

पिछले हफ्ते की बात है जब मुलायम सिंह यादव के बेटे प्रतीक यादव ने अपनी चमचमती नीली लैंबोरगिनी से मीडिया का ध्यान अपनी तरफ खींचा था. उसी वक्त उनके पिता मुलायम और सौतेले भाई अखिलेश यादव के बीच समाजवादी पार्टी के नाम और उसके चुनाव चिह्न को लेकर खींचतान चल रही थी. मीडिया ने इसे एक तरफ साइकिल तो दूसरी तरफ 4 करोड़ की शानदार लैंबोरगिनी की तरह दिखाया. प्रीतक ने भी इस कार के साथ अपना एक फोटो इंस्टाग्राम पर शयेर किया जिसका कैप्शन था -  ब्लूबोल्ट

सपा के 191 उम्‍मीदवारों की सूची मे शिवपाल यादव और आज़म खान

इस तस्वीर के सामने आने के कुछ दिन बाद गुरुवार रात को बीजेपी लेकर आया है 2 मिनट का वीडियो जो प्रतीक यादव के करोड़ी की संपत्ति पर उंगली उठा रहा है. वीडियो में यूपी के सबसे बड़े जिम जो सात हज़ार स्कॉयर फुट में फैला हुआ है, उसके मालिक प्रतीक यादव अपने लैंबोरगिनी के साथ दिखाई देते हैं. बीजेपी इस वीडियो को 'पांच करोड़ की लैंबोरगिनी पर सवार समाजवाद' के टाइटल से 'सजाती' है. वीडियो सवाल उठाता है कि प्रतीक यादव का सादगी भरे जीवन से कोई लेना देना नहीं है, हालांकि एक समाजवादी पिता के बेटे होने के नाते उनसे कुछ लोगों की यह अपेक्षा हो सकती है लेकिन यह ठीक है क्योंकि वह राजनीति में नहीं है.

'साइकिल' के लिए लड़ रहे हैं मर्सिडीज़, लम्बोरगिनी में घूमने वाले यादव

लेकिन फिर वीडियो में बीजेपी सवाल पूछती है कि अगर राजनीति से दूरी है तो फिर क्यों प्रतीक यादव की पत्नी अपर्णा यादव चुनाव लड़ रही हैं. वीडियो में दो साल पहले का एक नज़ारा भी दिखाया गया है कि पहलवानी की ट्रेनिंग ले चुके मुलायम अपने बेटे के जिम का उद्घाटन कर रहे हैं.

SP-Congress में आज गठबंधन की घोषणा संभव

बीजेपी के विजय बहादुर पाठक लैंबोरगिनी के मालिक के नाम पर तंज कसते हुए कहते हैं 'उत्तरप्रदेश तो भ्रष्टाचार का 'प्रतीक' है. यह जाहिर सी बात है कि यादव परिवार के करीबी सबसे बड़े भ्रष्टाचार के घोटालो में लिप्त हैं.' पाठक ने मुलायम सिंह और अखिलेश यादव के 'मर्सिडीज़ प्रेम' की तरफ भी इशारा किया क्योंकि दोनों ही यादव दिल्ली समेत कई जगहों पर इसी कार में नज़र आते हैं. यहां तक की मुख्यमंत्री के चुनावी अभियान की शुरूआत भी मर्सिडीज़ बस से हुई थी जिसमें बैठकर अखिलेश को पूरे प्रदेश का दौरा करना था लेकिन फिर पिता के साथ उनके तनाव ने ज्यादा सुर्खियां बटोर लीं.

वहीं समाजवादी पार्टी की जूही सिंह कहती हैं 'प्रतीक का अपना बिज़नेस है, वह सफल हैं और अगर वह अपनी कार लेना चाहते हैं और उनके पास इतने संसाधन हैं तो फिर पार्टी का इससे क्या लेना देना? अगर उनके परिवार से कोई राजनीति में शामिल होना चाहता है तो ये उनकी मर्ज़ी है. वह स्वतंत्र हैं और वह अपनी मनमर्ज़ी से अपने रहन सहन का तरीका चुन सकते हैं. पार्टी का इससे कोई लेना देना नहीं है.'


Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com