यूपी चुनाव 2017 : नौकरी के लिए दूसरे शहरों को बनाया ठिकाना, अब वोट डालने जा रहे हैं अपने प्रदेश

यूपी चुनाव 2017 : नौकरी के लिए दूसरे शहरों को बनाया ठिकाना, अब वोट डालने जा रहे हैं अपने प्रदेश

अखिलेश यादव ने 1 लाख नई नौकरियों का वादा किया है

मुंबई:

जब मुंबई से यूपी के गोरखपुर जाने वाली लोकमान्य तिलक - गोरखपुर एक्सप्रेस ने गोंडा में थोड़ी देर के लिए सांस ली, तब तक 19 साल के राजेश कुमार गुप्ता को ट्रेन में बैठे 27 घंटे गुज़र चुके थे. राजेश मुंबई में अपने दो बड़े भाइयों के साथ काम करते हैं और गोरखपुर में उनके माता-पिता रहते हैं. वह वोटिंग के लिए अपने गांव जा रहे हैं.

राजेश पिछले पांच सालों से इसी ट्रेन से मुंबई और गोरखपुर के बीच सफर करते हैं. उन्हीं की तरह देश भर में दिहाड़ी पर काम करने वाले कई मजदूर वोट डालने के लिए यूपी में अपने घर जा रहे हैं. मुंबई, गुजरात, कर्नाटक में काम करने वाले ऐसे कई लोग हैं जो यूपी में नौकरी नहीं होने की वजह से दूसरे शहरों में रोज़ी-रोटी के लिए जाते हैं.

मुंबई में रहते हुए राजेश ने अपने बाल ज़रा रंग लिये हैं और कानों में बुंदे भी पहने हैं. मुंबई में राजेश और उसके भाईयों को कॉन्ट्रेक्टर ने एक कमरा दे रखा है जिसका किराया नहीं लगता. राजेश ने बताया 'लोग कहते हैं कि यूपी और बिहार में काम नहीं है इसलिए हम यहां आते हैं. यहां पर लोग बस पैसे के साथ धांधली करते हैं. पेमेंट टाइम पर नहीं मिलता लेकिन यह समस्या तो शायद पूरे देश में है, सिर्फ मुंबई में नहीं.' यह राजेश का पहला वोट होगा और वह कहता है 'मेरा किसी को वोट देने का मन नहीं करता. जब किसी ने कुछ किया ही नहीं तो वोट क्यों डालूं.'

ट्रेन कम्पार्टमेंट के दरवाजे पर बैठे, ठंडी हवा खाते 28 साल के अली अहमद पेशे से एक पेंटर हैं जो पिछले दस साल से मुंबई में रहते आ रहे हैं. वह बताते हैं कि यूपी में उनका परिवार रहता है और वह इतना कमा लेते हैं कि पत्नी, मां और दो बेटियों का पेट भर सकें. अली बताते हैं 'बहुत मुश्किल है परिवार से इतना दूर रहकर काम करना लेकिन पेट के लिए करना पड़ता है. यूपी-बिहार में काम ही नहीं है. कंपनियां ही नहीं हैं. मुंबई में बड़ी कंपनियां हैं.' वह कहते हैं 'सब नेताओं के हाथ में है, कुछ नहीं कह सकते. लेकिन मुझे लगता है कि बदलाव आएगा. आज के नेताओं में यकीन करने का मन करता है लेकिन कुछ भी करने में कम से कम 10 साल तो लग जाएंगे.'

बता दें कि यूपी विधानसभा चुनाव के लिए हुए भारी भरकम चुनावी अभियान में सभी पार्टियों ने नौकरी, उद्योग और युवाओं को स्मार्टफोन देने का वादा किया है. पीएम नरेंद्र मोदी ने सत्ताधारी पार्टी सपा के सीएम अखिलेश यादव और बीएसपी प्रमुख मायावती पर पिछले 15 सालों से जनता की अनदेखी करने का आरोप लगाया है. वहीं अखिलेश यादव ने एक रैली में वादा किया है कि अगर वह लौटे तो राज्य की पुलिस फोर्स में 1 लाख नौकरियां लेकर आएंगे.

अगर यूपी के औद्योगिक विकास के आंकड़ों पर नजर डालें तो 2014-15 में पूर्वी यूपी अपने पड़ोसी राज्य बिहार से नीचे हैं. केंद्र सरकार की रिपोर्ट कहती है कि अगले साल तक यूपी में बेरोजगारों की संख्या एक करोड़ पहुंच सकती है. पूर्वी यूपी और बिहार से दूसरे शहरों में पलायन करने वालों की संख्या सबसे ज्यादा है. जनगणना डाटा के मुताबिक इस क्षेत्र से पलायन करने वालों की संख्या पिछले बीस सालों में दोगुनी हो गई है. यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि यूपी की प्रति व्यक्ति आय 40 हजार रुपये हैं, वहीं महाराष्ट्र जहां कई लोग पलायन करके पहुंचते हैं, वहां प्रति व्यक्ति आय - एक लाख रुपए है.


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