बिजली देने के मामले में अखिलेश यादव पर लगे आरोप सही: केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल

बिजली देने के मामले में अखिलेश यादव पर लगे आरोप सही: केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल

अखिलेश यादव(फाइल फोटो)

खास बातें

  • विशेष समुदाय और जाति को बिजली देने का लगाया आरोप
  • केंद्र की जांच में इस मामले को सही पाया गया
  • मामले की जांच में एफआईआर की सिफारिश के बावजूद कुछ नहीं हुआ
नई दिल्‍ली:

यूपी चुनावों के बीच बीजेपी ने एक नया मोर्चा खोलते हुए सपा पर बिजली देने में भेदभाव बरतने का आरोप लगाया है. बीजेपी का कहना है कि बिजली देने में विभिन्‍न समुदायों के बीच भेदभाव किया गया है. केंद्रीय ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल ने सोमवार को कहा,''यह कोई खोखली बात नहीं है बल्कि यह तथ्‍यों पर आधारित बात है. मुरादाबाद के लोकसभा सदस्‍य कुंवर सर्वेश कुमार ने पीएम नरेंद्र मोदी के साथ एक मीटिंग में यह मुद्दा उठाया और तथ्‍यों के आधार पर ये आरोप सही साबित होते हैं.''

पीयूष गोयल का यह बयान पीएम नरेंद्र मोदी की हालिया फतेहपुर रैली की पृष्‍ठभूमि में आया है जिसमें पीएम ने कहा था,''रमजान में बिजली मिलती है तो दिवाली पर भी सबको बिजली मिलनी चाहिए. होली पर बिजली मिलती है तो ईद पर भी बिजली मिलनी चाहिए. जाति धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं होना चाहिए. ऊंच नीच नहीं होना चाहिए.''
 

piyush goyal
पीयूष गोयल ने सपा सरकार पर साधा निशाना

पीयूष गोयल ने कहा कि कुंवर सर्वेश कुमार ने सबसे पहले अपनी शिकायत ऊर्जा मंत्रालय को दर्ज कराई. उसके बाद ''इसे राज्‍य सरकार के पास भेजा गया लेकिन कुछ नहीं हुआ. उसके बाद सांसद ने प्रधानमंत्री से मुलाकात की. एक केंद्रीय टीम भेजी गई और संघीय कानूनों के मुताबिक राज्‍य बिजली विभाग के अधिकारियों को भी उसमें शामिल पाया गया.''


मंत्री ने दावा करते हुए कहा कि जांच टीम ने पाया कि खास जाति और समुदाय बाहुल्‍य इलाके में बिजली का आवंटन किया गया और दूसरे समुदाय को इससे वंचित रखा गया. गोयल ने कहा,''केंद्र ने इस तरह का भेदभाव बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए एफआईआर दर्ज करने की बात कही लेकिन राज्‍य सरकार ने अभी तक उसका कोई जवाब नहीं दिया.''

हालांकि राज्‍य की सत्‍ताधारी समाजवादी पार्टी ने पीयूष गोयल के आरोपों को खारिज कर दिया. सपा नेता राजेंद्र चौधरी ने कहा,''इस आरोप में कोई दम नहीं है. विशेष समुदाय के आधार पर वोटों के ध्रुवीकरण की यह बीजेपी की साजिश है.''

उल्‍लेखनीय है कि पीएम मोदी ने फतेहपुर रैली में कहा था कि सरकार का काम है भेदभाव मुक्त शासन चलाना. धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं होना चाहिए. अन्याय की जड़ों में भेदभाव है. दलित से पूछो तो वो बोलते हैं कि पूरा फायदा ओबीसी ले ले रहा है, ओबीसी से पूछो तो वो कहते हैं कि यह फायदा यादव ले रहे हैं. बाकी सब मुसलमानों को चला जा रहा है.

इस पर पलटवार करते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चुनौती देते हुए महाराजगंज की एक रैली में कहा कि अगर काशी में 24 घंटे बिजली नहीं आ रही तो मोदी गंगा मैया की कसम खाकर ये बात कहें. अखिलेश ने एक चुनावी जनसभा में कहा, ''हमने जितनी बिजली रमजान पर दी, उससे अधिक दीवाली पर दी और क्रिसमस पर भी दी... जब किसी से सच बुलवाना होता है तो कहते हैं कि खाओ गंगा मैया की कसम. वाराणसी से चुनाव लड़ते समय पीएम ने कहा था कि गंगा मैया ने हमें बुलाया है... अगर काशी में 24 घंटे बिजली नहीं आ रही तो पीएम खाएं गंगा मैया की कसम.''

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