वरुण गांधी का नाम लिस्ट स्टार प्रचारकों की लिस्ट में 31वें नंबर पर है.
खास बातें
- वरुण के समर्थक सीएम पद के लिए उनके नाम की 'दावेदारी' पेश कर चुके हैं
- पार्टी ने कहा था कि पोस्टर लगाने से कोई उम्मीदवार नहीं बन जाता
- 13 जून 2016 को भी पार्टी अध्यक्ष की बैठक में नहीं पहुंचे थे वरुण गांधी
नई दिल्ली: यूपी चुनावों के मद्देनजर वरुण गांधी का नाम बीजेपी के स्टार प्रचारकों की सूची में शामिल हो गया है. तीसरे और चौथे चरण में स्टार प्रचारकों में वरुण गांधी का नाम शामिल हुआ है. वरुण गांधी का नाम लिस्ट में 31वें नंबर पर है. इसके साथ ही विनय कटियार का नाम भी लिस्ट में शामिल है. उल्लेखनीय है कि पहले दो चरण में वरुण गांधी और विनय कटियार नहीं थे. हालांकि वरुण गांधी का नाम शामिल होने के बाद उनकी मां और केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी का नाम नहीं है. हालांकि इसके साथ स्टार प्रचारकों में पीएम मोदी, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह का नाम भी है. इस सूची में योगी आदित्यनाथ, हेमा मालिनी और शाहनवाज हुसैन का नाम भी शामिल है. इस सूची में कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव का नाम भी शामिल है.
उल्लेखनीय है कि पहले और दूसरे चरण के चुनावों में वरुण गांधी का नाम शामिल नहीं होना सुर्खियों का सबब बना था. इसकी पृष्ठभूमि को पिछले साल इलाहाबाद की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक से जोड़कर देखा गया था. गौरतलब है कि वरुण गांधी के समर्थक पिछले वर्ष परोक्ष रूप से सीएम पद के लिए उनके नाम की दावेदारी पेश कर चुके हैं. 12 जून 2016 को इलाहाबाद में बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के दौरान पूरे शहर में वरुण गांधी के पोस्टर लगे थे. उस बैठक में पार्टी यूपी चुनावों को लेकर रणनीति को अंतिम रूप देने में लगी थी और कयास लगाए जा रहे थे कि वरुण अपनी दावेदारी पेश करना चाह रहे थे.
हालांकि पार्टी ने कहा था कि पोस्टर लगाने से कोई सीएम पद का उम्मीदवार नहीं बन जाता. आपको बता दें कि राष्ट्रीय कार्यकारिणी के दौरान सुल्तानपुर से पार्टी सांसद वरुण गांधी के सैंकड़ों पोस्टर पटे होने और अपने दो दर्जन वाहनों के काफिले के साथ शहर में पहुंचने के बाद जिस तरह से उनका रोड शो हुआ एवं उनके समर्थकों ने जिस तरह का माहौल बनाया, उससे इलाहाबाद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बाद सबसे ज्यादा चर्चा के केंद्र में वरुण गांधी ही रहे थे.
13 जून 2016 को भी पार्टी अध्यक्ष अमित शाह द्वारा बुलाई गई बैठक में भी वरुण गांधी नहीं पहुंचे थे. इसे भी राष्ट्रीय कार्यकारिणी के दौरान शहर में लगे वरुण गांधी के पोस्टरों के मामले से जोड़कर देखा गया था.