उत्तराखंड में कांग्रेस की करारी हार पर बोले सीएम हरीश रावत- मोदी क्रांति और EVM के चमत्कार को सलाम

खास बातें

  • उत्तराखंड में कांग्रेस का सफाया
  • दोनों सीटों से हारे हरीश रावत
  • पद से दिया इस्तीफा, नई सरकार बनने तक कार्यवाहक सीएम रहेंगे
देहरादून:

उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद मुख्यमंत्री हरीश रावत ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. राज्य में कांग्रेस का प्रदर्शन काफी निराशाजनक रहा और बीजेपी की ऐसी आंधी चली कि खुद मुख्यमंत्री हरीश रावत हरिद्वार ग्रामीण और किच्छा दोनों विधानसभा क्षेत्रों से चुनाव हार गए. बीजेपी की इस अप्रत्याशित जीत पर हरीश रावत ने कहा, मैं 'मोदी क्रांति' और ईवीएम के चमत्कार को सलाम करता हूं. हालांकि उन्होंने अपने इस बयान को और स्पष्ट करने से इनकार कर दिया और कहा कि वह जो कुछ कह सकते थे, उन्होंने कह दिया है.

रावत ने कहा, 'संसाधनों की कमी के बावजूद कड़ी मेहनत करने वाले अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं की उम्मीदों पर खरा न उतर पाने की जिम्मेदारी मैं अपने ऊपर लेता हूं. मैं मानता हूं कि मेरे नेतृत्व में ही कुछ कमी रही होगी, जिसके कारण पार्टी का चुनावों में प्रदर्शन खराब रहा.'

इससे पहले, रावत ने राजभवन जाकर राज्यपाल डॉ. कृष्णकांत पाल से मुलाकात की और अपना इस्तीफा उन्हें सौंप दिया. राज्यपाल ने रावत का इस्तीफा स्वीकार करते हुए उन्हें अगली सरकार के गठन तक कार्यवाहक मुख्यमंत्री के तौर पर पद पर बने रहने का आग्रह किया.

उधर, गढ़वाल के सांसद और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूरी ने उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की जीत को अप्रत्याशित बताया और कहा कि यह मोदी की कार्यशैली की जीत है. खंडूरी ने कहा कि भाजपा को प्रचंड बहुमत से जिताकर उत्तराखंड की जनता ने राज्य की कांग्रेस सरकार द्वारा प्रदेश के साथ किए गए अन्याय का जवाब दिया है और इसी कारण से राज्य के मुख्यमंत्री दोनों सीटों से चुनाव हार गए. राज्य में भाजपा के मुख्यमंत्री पद की दावेदारी के सवाल पर खंडू़री ने कहा, 'यह काम पार्टी का है, मुख्यमंत्री को लेकर फैसला पूरी तरह से नए चुने गए विधायक और पार्टी नेतृत्व करेगा. इस बारे में वह कुछ नहीं कहना चाहते.'


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