मध्य प्रदेश चुनाव: जानें, पांच साल में किस पार्टी के विधायकों की बढ़ी कितनी सपंत्ति?

सबसे ज्यादा बढ़ोतरी समाजवादी पार्टी के एक विधायक की संपत्ति में देखने को मिली है. सपा विधायक की संपत्ति में पिछले पांच साल में औसतन 311.58 फीसदी का इजाफा हुआ है.

मध्य प्रदेश चुनाव: जानें, पांच साल में किस पार्टी के विधायकों की बढ़ी कितनी सपंत्ति?

प्रतीकात्मक तस्वीर.

खास बातें

  • एडीआर ने जारी की रिपोर्ट
  • बसपा के विधायकों की संपत्ति में सबसे ज्यादा इजाफा
  • 28 नवंबर को होंगे मतदान
भोपाल:

मध्य प्रदेश चुनाव में दोबारा उतरे भारतीय जनता पार्टी, कांग्रेस और अन्य पार्टियों के विधायकों की संपत्ति में पिछले पांच साल में काफी इजाफा देखने को मिला. भाजपा के 107 विधायकों की संपत्ति में औसतन 84.64 फीसदी का इजाफा हुआ है. वहीं कांग्रेस के 53 विधायकों की संपत्ति में 49.1 फीसदी बढ़ोतरी देखने को मिली है. बहुजन समाज पार्टी के चार विधायकों की बात करें तो उनकी सपंत्ति औसतन 139 फीसदी बढ़ी है. सबसे ज्यादा बढ़ोतरी समाजवादी पार्टी के एक विधायक की संपत्ति में देखने को मिली है. सपा विधायक की संपत्ति में पिछले पांच साल में औसतन 311.58 फीसदी का इजाफा हुआ है.

एडीआर की ओर से जारी रिपोर्ट के मुताबिक साल 2013 में भाजपा के इन 107 विधायकों की औसतन संपत्ति 4,60,45,135 रुपए की थी, जो कि बढ़कर अब 8,50,19,640 हो गई हैं. वहीं कांग्रेस की बात करें तो इसके 53 विधायकों की पांच साल पहले औसत संपत्ति 6,59,01,990 रुपए थे, जो कि अब बढ़कर 9,82,58,294 रुपए की हो गई है. बसपा के चार विधायकों की संपत्ति पांच साल पहले 3,22,82,334 रुपए थी, जो अब बढ़कर 7,74,71,988 रुपए हो गई है. समाजवादी पार्टी के एक विधायक की संपत्ति साल 2013 में 41,99,842 रुपए थी जो अब बढ़कर 1,72,85,898 रुपए हो गई है. एडीआर ने यह रिपोर्ट विधायकों द्वारा चुनाव आयोग में दाखिल किए गए हलफनामों के अध्ययन के आधार पर तैयार की है. रिपोर्ट में बताया गया है कि दोबारा से चुनाव लड़ रहे सात विधायकों के हलफनामे स्पष्ट नहीं थे, इसलिए उनका ब्यौरा इसमें शामिल नहीं किया जा सका.
 

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एडीआर की ओर से जारी की गई रिपोर्ट.

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बता दें, मध्य प्रदेश में 28 नवंबर को विधानसभा चुनाव हैं. प्रदेश में इस बार भाजपा और कांग्रेस में सीधी टक्कर देखने को मिल रही है. शिवराज सिंह चौहान चौथी बार सीएम की कुर्सी हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं, तो वहीं कांग्रेस साल 2003 के बाद से सत्ता में वापसी की तैयारी में जुटी हुई है. चुनाव के नतीजे 11 दिसंबर को राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिरोजम के साथ जारी किए जाएंगे.

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