क्या मध्य प्रदेश की लड़ाई में इन 'बुजुर्ग' नेताओं की नैया लग पाएगी पार?

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजे आने में चंद घंटे शेष हैं. मतगणना से पहले प्रत्याशियों के दिल की धड़कनें बढ़ गई हैं.

क्या मध्य प्रदेश की लड़ाई में इन 'बुजुर्ग' नेताओं की नैया लग पाएगी पार?

मध्य प्रदेश में दोनों प्रमुख दलों ने बुजुर्ग नेताओं पर भरोसा जताया है.

खास बातें

  • दोनों प्रमुख दलों ने दिया है बुजुर्ग नेताओं को टिकट
  • बीजेपी के कैबिनेट मंत्री भी हैं चुनाव मैदान में
  • चुनाव नतीजे तय करेंगे इन नेताओं का भविष्य
इंदौर:

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजे आने में चंद घंटे शेष हैं. मतगणना से पहले प्रत्याशियों के दिल की धड़कनें बढ़ गई हैं. राज्य में इस बार 70 साल से उपर के करीब एक दर्जन उम्मीदवार मैदान में हैं, जिनमें सत्तारूढ़ भाजपा के दो कैबिनेट मंत्री भी शामिल हैं. मंगलवार को आने वाले चुनाव नतीजे इन उम्मीदवारों के सियासी भविष्य की दशा और दिशा तय करेंगे. मध्य प्रदेश में 28 नवंबर को हुए विधानसभा चुनावों में सत्तारूढ़ भाजपा और कांग्रेस, दोनों प्रमुख दलों ने 70 साल से ज्यादा उम्र के नेताओं पर उम्मीदवारी का भरोसा जताया है. लम्बे सियासी अनुभव को तरजीह देते हुए भाजपा ने बड़वारा से 78 वर्षीय पूर्व मंत्री मोती कश्यप, लहार से 76 वर्षीय रसाल सिंह, गुढ़ से 76 वर्षीय नागेंद्र सिंह, नागौद से पूर्व मंत्री नागेंद्र सिंह (76) और रैगांव से जुगुल किशोर बागरी (75) को चुनावी मैदान में उतारा है. जबकि निवर्तमान स्वास्थ्य मंत्री रुस्तम सिंह (73) मुरैना से चुनाव लड़ रहे हैं. इसी तरह निवर्तमान वित्त मंत्री जयंत मलैया (71) ने अपनी परंपरागत दमोह सीट से मोर्चा संभाला है.  

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इनके अलावा भाजपा के दो अन्य प्रत्याशियों-सिंहावल से शिवबहादुर सिंह चंदेल और महाराजपुर से मानवेंद्र सिंह की उम्र 70-70 साल है. कांग्रेस की बात करें तो 78 वर्षीय सरताज सिंह सबसे उम्रदराज प्रत्याशी के दौर पर मैदान में हैं. उन्होंने अपनी परंपरागत सिवनी-मालवा सीट से चुनावी टिकट काटे जाने से नाराज होकर भाजपा छोड़ दी थी. इसके बाद कांग्रेस ने उन्हें होशंगाबाद से टिकट दिया है. इसी तरह कांग्रेस ने मंदसौर से पूर्व मंत्री नरेंद्र नाहटा (72) और कटंगी से टामलाल सहारे (71) को चुनावी मैदान में उतारा. कांग्रेस की पूर्ववर्ती दिग्विजय सिंह सरकार में वाणिज्य और उद्योग मंत्री रहे नाहटा का मानना है कि सियासत में किसी उम्मीदवार की उम्र के मुकाबले उसका तजुर्बा ज्यादा मायने रखता है. प्रदेश के सबसे उम्रदराज उम्मीदवारों में पूर्व कृषि मंत्री रामकृष्ण कुसमरिया (75) भी शामिल हैं. 

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आपको बता दें कि एग्जिट पोल के मुताबिक मध्य प्रदेश में सत्तारूढ़ बीजेपी और कांग्रेस के बीच नजदीकी मुकाबला दिख रहा है. एनडीटीवी के पोल ऑफ एग्जिट पोल्स के मुताबिक राज्य की 230 सीटों में से भाजपा को 110 सीटें मिलती दिख रही हैं. तो कांग्रेस को 109 सीटें मिल सकती हैं. जबकि बीएसपी के खाते में दो और अन्य के खाते में 9 सीटें जा सकती हैं. दूसरी तरफ, न्यूज एक्स- नेटा के पोल के मुताबिक बीजेपी को 106, कांग्रेस को 112 और बीएसपी को 4 सीटें मिल सकती हैं. जबकि अन्य के खाते में 8 सीटें जा सकती हैं. वहीं,  इंडिया टुडे-एक्सिज माई इंडिया के एग्जिट पोल के मुताबिक मध्य प्रदेश में बीजेपी को 102-120 के आसपास सीटें मिल सकती हैं. तो दूसरी तरफ, कांग्रेस के खाते में 104-122, बीएसपी के खाते में 1-3 और अन्य के खाते में 3-8 सीटें जा सकती हैं. (इनपुट- भाषा से भी)

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