यह भी पढ़ें: कमलनाथ सरकार ने की मध्य प्रदेश में प्रशासनिक सर्जरी, 48 IAS अधिकारियों का किया तबादला
मध्यप्रदेश में डॉ गोविंद सिंह, आरिफ़ अक़ील, वृजेंद्र सिंह राठौर, सज्जन सिंह वर्मा, बाला बचन, लखन सिंह यादव, विजयलक्ष्मी साधो, हुकुम सिंह करादा, तुलसी सिलावत, गोविंद राजपूत, ओंकार मार्कम, सुखदेव पानसे, प्रभुराम चौधरी , जयवर्द्धन सिंह, हर्ष यादव, कमलेश्वर पटेल, लखन घनगोरिया, तरुण भनोट, पीसी शर्मा, सचिन यादव, सुरेंद्र सिंह बघेल, जीतू पटवारी, उमंग सिंगार, प्रद्युम्न तोमर, प्रदीप जायसवाल, महेंद्र सिंह सिसोदिया, इमरती देवी, प्रियवत सिंह मंत्री बनाए गए हैं. कैबिनेट में सामाजिक समीकरण का भी ध्यान रखा गया है. मध्यप्रदेश में पिछले 15 साल बाद मुस्लिम समुदाय को आरिफ अकील के रूप में मंत्रिमंडल में जगह मिली है.
मध्यप्रदेश में कमलनाथ कैबिनेट का हुआ विस्तार.
सभी विधायकों ने हिंदी में पद और गोपनीयता की शपथ ली और सभी कैबिनेट मंत्री हैं. मंत्री बने जयवर्धन सिंह कांग्रेस के दिग्गज नेता एवं मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के बेटे हैं. वह मध्यप्रदेश विधानसभा के लिए राघौगढ़ सीट से लगातार दूसरी बार विधायक बने हैं. कमलनाथ ने मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के 6 दिन बाद 17 दिसंबर को मुख्यमंत्री पद की शपथ अकेले ली थी.
कमलनाथ के लिए आसान नहीं है 'टीम मध्य प्रदेश' बनाना, इन चुनौतियों का करना होगा सामना
बता दें कि मध्यप्रदेश विधानसभा के लिए 28 नवंबर को मतदान हुआ था. 11 दिसंबर को आए चुनाव परिणाम में प्रदेश की कुल 230 विधानसभा सीटों में से कांग्रेस को 114 सीटें मिली हैं. उसने बसपा के दो, सपा के एक और चार अन्य निर्दलीय विधायकों के समर्थन से सरकार बनाई है. उसे फिलहाल कुल 121 विधायकों का समर्थन हासिल है. वहीं, भाजपा को 109 सीटें मिली हैं. मंत्रियों के शपथ ग्रहण समारोह में मुख्यमंत्री कमलनाथ एवं ज्योतिरादित्य सिंधिया समेत कई अन्य वरिष्ठ नेता मौजूद थे. मध्यप्रदेश विधानसभा का पांच दिवसीय सत्र 7 जनवरी से शुरू होगा.