वसुंधरा राजे, रमन सिंह ने दे दिया CM पद से इस्तीफा, पर शिवराज सिंह ने अब तक नहीं, जानें- क्या हो सकते हैं इसके मायने

चुनाव के नतीजे आने के बाद राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और छत्तीसगढ़ के सीएम रमन सिंह ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. लेकिन एमपी के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने अभी तक अपने पद से इस्तीफा नहीं दिया है.

वसुंधरा राजे, रमन सिंह ने दे दिया CM पद से इस्तीफा, पर शिवराज सिंह ने अब तक नहीं, जानें- क्या हो सकते हैं इसके मायने

सीएम शिवराज सिंह.

भोपाल:

राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम विधानसभा चुनाव के परिणाम आ चुके हैं. छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को बहुमत मिला है, जबकि राजस्थान में एक सीट और मध्य प्रदेश में दो सीट से बहुमत से दूर है. ये तीनों राज्य ही केंद्र शासित प्रदेश थे. चुनाव के नतीजे आने के बाद राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और छत्तीसगढ़ के सीएम रमन सिंह ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. लेकिन एमपी के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने अभी तक अपने पद से इस्तीफा नहीं दिया है. ऐसे में सवाल यह उठ रहे हैं कि शिवराज सिंह चौहान के अभी तक इस्तीफा न दिए जाने के पीछे क्या वजह हो सकती है. 

इसके पीछे हो सकता है कि भाजपा की चाल हो. हो सकता है भाजपा मध्य प्रदेश में सरकार बनाने का दावा पेश करे. ऐसी संभावना इसलिए जताई जा रही है क्योंकि मध्य प्रदेश भाजपा अध्यक्ष राकेश सिंह ने मंगलवार रात तो ट्वीट करके कहा था, 'कांग्रेस को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला है. निर्दलीय और कई अन्य उम्मीदवार भाजपा के संपर्क में हैं. हम कल राज्यपाल से मुलाकात करेंग.' हालांकि, कांग्रेस ने मंगलवार रात ही राज्यपाल को खत लिखकर मिलने का समय मांगा था और सरकार बनाने का दावा पेश किया था. लेकिन सूत्रों के मुताबिक राज्यपाल ने कांग्रेस को कहा था कि अभी मतगणना को पूरी होने दीजिए.

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मध्य प्रदेश की 230 सीटों में से कांग्रेस के हिस्से में 114 आई हैं. कांग्रेस बहुमत से दो सीटें दूर रह गई. वहीं 109 सीटों के साथ भारतीय जनता पार्टी दूसरे नंबर पर रही. वहीं बसपा को दो सीटें, सपा को एक और अन्य को चार सीटें मिली हैं.

ऐसे बन सकती है भाजपा की सरकार
भाजपा के लिए भी सरकार बनाने के अभी भी विकल्प हो सकते हैं. अगर आंकड़ों पर गौर करें तो बीजेपी के पास 109 सीटें हैं, अगर वह सपा और बसपा और निर्दलीय को अपने साथ साधने में कामयाब हो जाती है, तो बीजेपी बहुमत का आंकड़ा छू लेगी. क्योंकि बीजेपी के 109, बसपा के 2, सपा के 1 और निर्दलीय 4 को मिलाकर कुल संख्या 116 होते हैं, जो बहुमत का आंकड़ा है. वहीं कांग्रेस 114 पर ही रह जाएगी. इस तरह से अगर बीजेपी के लिए सब कुछ सही और फिट बैठता गया तो बीजेपी सत्ता में वापस हो भी सकती है. मगर यह राह इतना आसान भी नहीं होगी. हालांकि, बसपा प्रमुख मायावती ने कांग्रेस को समर्थन देने का एलान कर दिया है.

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क्या होंगे सियासी समीकरण
कांग्रेस को बहुमत का आंकड़ा छूने के लिए दो सीटों की जरूरत है. ऐसे में कांग्रेस को मदद की जरूरत पड़ेगी. हालांकि, कांग्रेस के लिए दो सीटों की समर्थन जुटाना आसान माना जा रहा है. क्योंकि समाजवादी पार्टी के नेता रामगोपाल ने मंगलवार को घोषणा की कि वह कांग्रेस को अपना समर्थन देंगे. अगर सपा की सीटें कांग्रेस को मिल जाती हैं तब यह आंकड़ा 115 पहुंच जाता है. तब भी एक सीट कम है. मगर माना जा रहा है कि बसपा कांग्रेस को समर्थन दे देगी. संभावनाओं पर बात करे तो अगर बसपा कांग्रेस का समर्थन न भी करती है तो कांग्रेस को निर्दलीय पर निर्भर होना पड़ेगा. ऐसी स्थिति में निर्दलीय अहम भूमिका निभाएंगे.

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