सचिन पायलट और फारूक अब्दुल्ला एनडीटीवी के एक शो का हिस्सा थे.
खास बातें
- 200 में से 99 सीटें कांग्रेस के मिली.
- 73 सीटों के साथ भाजपा दूसरे नंबर पर
- सचिन पायलट और अशोक गहलोत दोनों सीएम की रेस में
नई दिल्ली: राजस्थान विधानसभा चुनाव में अच्छा प्रदर्शन करने के बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट को अपने ससुर फारूक अब्दुल्ला से विशेष सलाह मिली है. दोनों ही एनडीटीवी में राजस्थान विधानसभा चुनाव पर चर्चा का हिस्सा थे. सचिन पायलट और कांग्रेस महासचिव अशोक गहलोत दोनों राजस्थान में सीएम पद के दावेदार हैं. ऐसे में उनसे सवाल पूछा गया था कि वे राजनीति में पीढ़ी के फर्क को कैसे मैनेज करते हैं? इस पर पायलट ने कहा, 'मैं स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि हमारे यहां कोई अंतर नहीं है, न उम्र का अंतर और न ही दिमाग का अंतर. यह कांग्रेस की खूबसूरती है कि हम दोनों साथ काम कर सकते हैं. यह भाजपा की चिंता है कि हम साथ मिलकर काम कैसे कर रहे हैं.' (यहां देखें एनडीटीवी के शो का पूरा वीडियो)
इसके बाद चर्चा में शामिल नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता फारूक अब्दुल्ला ने सचिन पायलट को सलाह देते हुए कहा, ' आपको बधाई! हम देखेंगे कि आप लोग 2019 में कैसा प्रदर्शन करते हैं? मुझे उम्मीद है कि आप अच्छा करेंगे. आपकी ओर पूरा राष्ट्र देख रहा है, इसलिए जीत पर अभी से ड्रम न बजाओ. बहुत मेहनत करनी है, एकजुट रहिए.' इस पर पायलट ने कहा, 'अभी तो आधा रास्ता ही पूरा हुआ है, असली चुनौती तो चार महीने बाद है. लेकिन पार्टी और राजस्थान में हम सब भाजपा को हराने के लिए पूरी तरह तैयार हैं.' अब्दुल्ला ने सचिन पायलट के इस जवाब पर कहा, 'बहुत अच्छे'. बता दें, सचिन पायलट फारूक अब्दुल्ला के दामाद हैं. पायलट अब्दुल्ला की बेटी सारा के पति हैं.
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पायलट से पूछा गया कि क्या उनकी पार्टी में ऊंचे पदों पर पुराने नेता ही विराजमान हैं? शो के एंकर के इस सवाल के साथ ही अब्दुल्ला ने जोड़ा कि क्या आप लोग और युवाओं को मौके देने वाले हैं?. पायलट ने कहा, 'हमें सबको एक साथ लेकर चलना होगा. 30-40 साल से काम कर रहे लोगों के पास भी काफी मौके हैं.' अब्दुल्ला ने कहा कि मुझे लगता है कि आपको पुराने और युवा नेताओं को साथ लेकर चलना चाहिए.
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इसके बाद पायलट ने बीच मे उनकी बात काटकर मुस्कुराते हुए कहा, 'मैं भी एक दिन बुजुर्ग हो जाऊंगा, लेकिन डॉक्टर अब्दुल्ला कभी भी बुजुर्ग नहीं होंगे.' इस पर अब्दुल्ला मुस्कराने लगे.
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बता दें, राजस्थान में 200 सीटों में से कांग्रेस को 99 सीटें मिली हैं. वहीं भारतीय जनता पार्टी 73 सीटों के साथ दूसरे नंबर पर रही. बसपा को छह, सीपीआई को दो, बीटीपी को दो, राष्ट्रीय लोकदल को एक, राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी को तीन और निर्दलीय को 13 सीटें मिली हैं.
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