त्रिपुरा के सीएम माणिक सरकार ने डाला वोट
खास बातें
- विधानसभा की 60 में से 59 सीटों पर वोटिंग हो रही है.
- चरीलम विधानसभा सीट पर चुनाव 12 मार्च को होगा.
- माकपा के उम्मीदवार की मौत के कारण इस सीट पर चुनाव 12 मार्च को होगा.
अगरतला : त्रिपुरा विधानसभा चुनाव में 89.8 प्रतिशत मतदाताओं ने मताधिकार का प्रयोग किया. हालांकि इस बार पिछले चुनाव की तुलना में मतदान का स्तर दो प्रतिशत कम रहा है. राज्य में रविवार को हुये मतदान के बारे में चुनाव आयोग की ओर से सोमवार को जारी मतदान के आंकड़ों के मुताबिक राज्य के 25.73 लाख मतदाताओं ने मतदान में हिस्सा लिया. रविवार को मतदान खत्म होने के बाद स्थानीय निर्वाचन अधिकारियों से मिली रिपोर्ट के आधार पर चुनाव आयोग ने विधानसभा चुनाव में 76 प्रतिशत मतदान होने का अनुमान व्यक्त किया था. आयोग के एक प्रवक्ता ने बताया कि त्रिपुरा विधानसभा चुनाव में मतदान प्रतिशत का अंतिम आंकड़ा 89.80 प्रतिशत रहा.
पिछले विधानसभा चुनाव में मतदान का स्तर 91.82 प्रतिशत था, जबकि 2014 के लोकसभा चुनाव में 84.32 प्रतिशत मतदाताओं ने मतदान में हिस्सा लिया था. त्रिपुरा में 60 सदस्यीय विधानसभा की 59 सीटों पर शांतिपूर्ण मतदान संपन्न हुआ. कुछ मतदान केन्द्रों पर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों में गड़बड़ी की शिकायतें मिली थीं जिन्हें तत्काल दुरुस्त कर दिया गया. चरीलाम विधानसभा क्षेत्र से माकपा उम्मीदवार रामेन्द्र नारायण देब बर्मा के पिछले सप्ताह निधन के कारण इस सीट पर मतदान नहीं हो सका. यहां 12 मार्च को मतदान कराया जायेगा.
विधानसभा चुनाव की दौड़ में इस बार सत्तारूढ़ माकपा के अलावा भाजपा भी शामिल है. पिछले पांच विधानसभा चुनाव में लगातार जीत रही माकपा की सरकार का नेतृत्व चार बार से माणिक सरकार कर रहे हैं. कांग्रेस को 1988 और 1993 के विधानसभा चुनाव में जीत हासिल हुयी थी. कांग्रेस ने राज्य की 59 सीटों पर और भाजपा ने 51 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं. भाजपा ने शेष 9 सीटें सहयोगी दलों के उम्मीदवारों के लिये छोड़ दी हैं. जबकि कांग्रेस ने काकराबोन सीट पर अपना उम्मीदवार नहीं उतारा.
VIDEO: त्रिपुरा विधानसभा चुनाव प्रचार के आखिरी दिन बीजेपी ने झोंकी ताकत
पांचवी बार मुख्यमंत्री बनने की दौड़ में शामिल माणिक सरकार ने माकपा के प्रचार अभियान का नेतृत्व करते हुए राज्य में करीब 50 रैलियों को संबोधित किया. सीताराम येचुरी और बृंदा करात जैसे अन्य वामपंथी नेताओं ने भी पार्टी के इस अभियान का समर्थन किया. वहीं कांग्रेस का प्रचार अभियान कुछ हल्का रहा. पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रचार के आखिरी दिन उनाकोटी जिले के कैलाशहर में एक रैली को संबोधित किया.
(इनपुट भाषा से...)