वसुंधरा राजे VS मानवेंद्र : राजस्थान की झालरापाटन सीट पर पूरे देश की नजर, जानें कौन कितना है पढ़ा-लिखा

मानवेंद्र ने अक्टूबर में बाड़मेर में ‘स्वाभिमान’ रैली की और भाजपा से औपचारिक रूप से अलग हो गए. इसके बाद वह पिछले महीने कांग्रेस में शामिए हुए.  

वसुंधरा राजे VS मानवेंद्र : राजस्थान की झालरापाटन सीट पर पूरे देश की नजर, जानें कौन कितना है पढ़ा-लिखा

राजस्थान : झालरापाटन में इस बार मुकाबला दिलचस्प है

नई दिल्ली:

बीजेपी छोड़ कांग्रेस में शामिल हुए पूर्व विदेश मंत्री जसवंत सिंह के बेटे मानवेंद्र को झालरापाटन से टिकट दिया है. इस सीट से सीएम वसुंधरा राजे चुनाव मैदान में हैं. सीएम वसुंधरा राजे इस सीट से जीत को लेकर आश्वस्त हैं. झालरापाटन में नामांकन दाखिल करने के बाद मुख्यमंत्री राजे ने कहा कि कांग्रेस को उनके सामने कोई स्थानीय चेहरा नहीं मिल रहा था इसलिए वह बाहरी (मानवेंद्र) को ले आयी. उन्होंने समर्थकों से कहा,‘‘झालावाड़ (जिले) में किसी परिवार की लड़ाई नहीं है बल्कि पूरे राजस्थान की लड़ाई है.' उनकी सरकार द्वारा करवाए गए विकास कार्यों की ओर संकेत करते हुए उन्होंने कहा,‘‘अभी तो ट्रेलर देखा है पूरी फिल्म बाकी है.'' दूसरी तरफ, मानवेंद्र ने कहा कि वह वसुंधरा के खिलाफ चुनौती स्वीकार करते हैं. मानवेंद्र ने दिल्ली में ‘भाषा' से बातचीत में कहा, ‘‘राहुल गांधी और केंद्रीय चुनाव समिति ने मुझ पर विश्वास जताया है. मैं उनका आभारी हूं. यह एक चुनौती है जिसे स्वीकार करता हूं.'' झालरापाटन की सीट पारंपरिक रूप से भाजपा के खाते में रही है. मुख्यमंत्री राजे 2003 से यहां से तीन बार विधायक चुनी जा चुकी हैं और चौथी बाद दावेदारी कर रही हैं. 2013 के पिछले विधानसभा चुनाव में वह 60869 वोटों से जीती थीं. उन्हें 63.14% वोट मिले तो दूसरे स्थान पर रही मीनाक्षी चंद्रावत की झोली में 29.53% वोट आए थे. इस सीट पर कुल लगभग ढाई लाख मतदाता हैं. मानवेंद्र सिंह के पिता और भाजपा के वरिष्ठतम नेताओं में से एक रहे जसवंत सिंह पूर्व केंद्रीय मंत्री हैं. 

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पार्टी ने 2014 में जसवंत सिंह को टिकट नहीं दिया था. माना जाता है कि मानवेंद्र और उनके परिवार की मुख्यमंत्री राजे से रिश्ते अच्छे नहीं थे. मानवेंद्र ने अक्टूबर में बाड़मेर में ‘स्वाभिमान' रैली की और भाजपा से औपचारिक रूप से अलग हो गए. इसके बाद वह पिछले महीने कांग्रेस में शामिए हुए.  

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कौन,कितना है योग्य

वसुंधरा राजे : सीएम वसुंधरा राजे की उम्र 67 साल है. उन्होंने अर्थशास्त्र और राजनीति विज्ञान से ग्रेजुएशन किया है. वह 5 बार सांसद और 5 बार विधायक रह चुकी हैं. वसुंधरा राजे राजस्थान की पहली महिला मुख्यमंत्री हैं. साल 2003 और 2013 में प्रदेश अध्यक्ष के पद पर रहते हुए उन्होंने बीजेपी को जीत दिलाई थी. वह वाजपेयी सरकार में मंत्री रह चुकी हैं. राजस्थान में उनको लोकप्रिय नेताओं में गिना जाता है और संगठन में उनकी पकड़ है. इस बार उनको सत्ता विरोधी लहर का सामना करना है. देखने वाली बात यह होगी कि क्या वह लगातार दो बार सत्ता में वापसी कर रिकॉर्ड बना पाएंगी.

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मानवेंद्र : मानवेंद्र सिंह, वाजपेयी सरकार में मंत्री रह चुके जसवंत सिंह के बेटे हैं. वह बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में आए है. 54 साल के मानवेंद्र पेशे से पत्रकार रहे हैं. राजनीतिक जीवन में वह एक बार सांसद और एक बार विधायक रह चुके हैं. मानवेंद्र ने एमए तक शिक्षा ग्रहण की है. 1999 में बाड़मेर-जैसलमेर से चुनाव लड़ा लेकिन हार गए. 2004 में इसी सीट से चुनाव लड़कर सांसद बने थे. 2013 में बाड़मेर की शियो विधानसभा सीट से चुनाव जीता. अबकी बार झालरापाटन सीट से मैदान में हैं, लेकिन कांग्रेस की टिकट से.

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