इन 7 राजनेताओं की हत्याओं से सहम गया था देश

दुनिया में कई राजनीतिक हत्याएं हुई हैं. शीर्ष नेताओं पर जानलेवा हमले भी हुए हैं. भारत भी इससे अछूता नहीं है

इन 7 राजनेताओं की हत्याओं से सहम गया था देश

आजादी के बाद भारत ने कई बड़ी राजनीतिक हत्याओं की पीड़ा सही है...

खास बातें

  • 31 अक्टूबर, 1984 को इंदिरा गांधी की उनके सुरक्षाकर्मियों ने हत्या कर दी
  • 31 अगस्त, 1995 को पंजाब के मुख्यमंत्री बेअंत सिंह विस्फोट में मारे गए
  • 25 मई, 2013 को नक्सली हमले में वरिष्ठ नेता विद्याचरण शुक्ला मारे गए
नई दिल्ली:

दुनिया में कई राजनीतिक हत्याएं हुई हैं. शीर्ष नेताओं पर जानलेवा हमले भी हुए हैं. भारत भी इससे अछूता नहीं है. अब्राह्म लिंकन, जॉन एफ कैनेडी, बेनजीर भुट्टो की हत्या उस समय की गई जब वे राजनीतिक जीवन के शीर्ष दौर में थे. आजादी के बाद भारत ने कई बड़ी राजनीतिक हत्याओं की पीड़ा सही है. भारत को आजादी मिले छह महीने भी नहीं हुए थे कि महात्मा गांधी की हत्या ने दुनिया को हिला दिया था. ये क्रम यहीं नहीं रुका और कई अन्य हस्तियों की असामयिक मौत का कारण बना.

 
mahatma gandhi

महात्मा गांधी की हत्या
भारतीय इतिहास के सबसे बड़े चेहरे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को आजादी की लड़ाई का सबसे बड़ा नायक माना जाता है.  30 जनवरी 1948 को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को दिल्ली के बिरला हाउस में नाथूराम गोडसे ने हत्या कर दी थी.
 
पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रताप सिंह कैरों की हत्या
पंजाब के ताकतवर मुख्यमंत्री प्रताप सिंह कैरों की 1965 में रोहतक में हत्या कर दी गई और इसका कारण व्यक्तिगत दुश्मनी बताया गया.  6 फरवरी 1965 के दिन जब वह मोटर कार से दिल्ली से वापस पंजाब लौट रहे थे तो नेशनल हाइवे संख्या-1 पर रसोई गांव के पास कुछ लोगों ने उन्हें गोली मार दी थी. गोली लगने से प्रताप सिंह कैरो की तत्काल मृत्यु हो गई  थी.  

ललित नारायण मिश्र
वर्ष 1975 में इंदिरा गांधी मंत्रिमंडल के शक्तिशाली सदस्य ललित नारायण मिश्र की समस्तीपुर में रहस्यमय ढंग से हत्या कर दी गई थी. उनकी हत्या से पूरा देश हिल गया था. तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने इस हत्याकांड को विदेशी साजिश का हिस्सा बताया था.  ललित नारायण मिश्र 1973 से 1975 तक भारत सरकार में रेल मंत्री रहे थे. उन्होंने मिश्र को प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का संसदीय सचिव बनवाया था.

इंदिरा गांधी की हत्या
देश के आजाद होने के पंजाब में आतंकवाद तेजी से पांव पसारने लगा और उसकी अगुवाई करने का आरोप भिंडरावाले पर लगा. इंदिरा सरकार ने पंजाब में आतंकवाद खत्म करने के लिए ऑपरेशन ब्लूस्टार चलाया जिसमें भिंडरावाला मारा गया.  इंदिरा प्रियदर्शनी गांधी भारत की तीसरी प्रधानमंत्री थी. 1966 से 1977 तक औऱ 1980 से 1984 सक सत्ता में रहीं. किसी देश का नेतृत्व करने वाली वो दुनिया की दूसरी महिला थीं. 31 अक्टूबर 1984 को, दिल्ली की सफदरजंग रोड़ पर बने प्रधानमंत्री निवास में उनकी ही सुरक्षाकर्मियों ने उनके शरीर को गोलियों से छलनी कर दिया था.  
 
rajiv gandhi ap

राजीव गांधी की घृणित हत्या  
राजीव गांधी की घृणित हत्याओं से देश और दुनिया हिल गई थी. आजाद भारत के सबसे बड़े नामों में एक राजीव गांधी को उस समय के लाखों युवा अपना आदर्श मानते थे. राजीव गांधी की हत्या के पीछे लिट्टे का हाथ बताया गया.   
 
बेअंत सिंह की हत्या
पंजाब में आतंकवाद के सफाए में बेअंत सिंह का बड़ा योगदान रहा था. 31 अगस्त 1995 को पंजाब सचिवालय के पास तत्कालीन मुख्यमंत्री बेअंत सिंह और 16 अन्य लोग विस्फोट में मारे गए थे. इस विस्फोट को एक आत्मघाती हमलावर दिलावर सिंह ने अंजाम दिया था. वह पंजाब पुलिस का कॉन्स्टेबल था.
 
पूर्व मुख्यमंत्री विद्याचरण शुक्ल की हत्या
25 मई 2013 को छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में कांग्रेस पार्टी के काफिले पर हुए नक्सलियों ने हमला कर दिया. हमले में पूर्व मुख्यमंत्री विद्याचरण शुक्ला को दो गोलियां पेट और एक गोली चेहरे पर लगी थी. बाद में 11 जून को गुड़गांव में उनका निधन हो गया था. इस हमले में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नंदकुमार पटेल, उनका पुत्र दिनेश, नक्सलियों के विरुद्ध सल्वा जुडूम नामक संगठन को खड़ा करने वाले कांग्रेस नेता महेंद्र कर्मा तथा कांग्रेस के पूर्व विधायक उदय मुदलियार समेत 24 लोग मारे गए थे. 

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