सात कंपनियां, जिन्होंने सफलता के परचम फहराए...

आइए जानें कि देश की वे उन नामी गिरामी कंपनियों के बारे में जिन्होंने एक के बाद एक सफलता के नए परचम गढ़े.

सात कंपनियां, जिन्होंने सफलता के परचम फहराए...

एलआईटी .. (फाइल फोटो)

नई दिल्ली:

आजादी के बाद देश में बहुत कुछ बदला. तरक्की के नए कीर्तिमान गढ़े गए और देश ने अंग्रेजों के चंगुल से मुक्त होकर धीरे धीरे अपने पैरों पर न सिर्फ खड़े होना सीखा बल्कि आज वर्तमान में युवाओं के लिए नए उदाहरण भी गढ़ दिए. 15 अगस्त 1947 के बाद यूं तो कई कंपनियों ने अपनी नींव रखीं. आइए जानें कि देश की वे उन नामी गिरामी कंपनियों के बारे में जिन्होंने एक के बाद एक सफलता के नए परचम गढ़े.

एलआईसी
एक वक्त था जब जीवन बीमा के मामले में कहा जाता कि एलआईसी करवाया क्या? जी हां, एलआईसी ने देश में परिवारों को बीमा से जोड़कर न सिर्फ लाइफ इंश्योरेंस की महत्ता को स्थापित किया बल्कि इस क्षेत्र की सफल और दिग्गज कंपनियों में शुमार हुई. भारतीय जीवन बीमा निगम भारत की सबसे बड़ी जीवन बीमा कंपनी बताई जाती है और यह भी बता दें कि यह देश की सबसे बड़ी निवेशक कंपनी भी है. यह पूरी तरह से भारत सरकार के स्वामित्व में है और इसे 1953 में स्थापित किया गया था. विभिन्न प्राइवेट कंपनियों की लाइफ इंश्योरेंस के क्षेत्र में मौजूदगी के बावजूद जीवन बीमा निगम का अपना अलग महत्व है. इसके लगभग 2048 ऑफिस देश में हैं और देश के कम ही शहर होंगे जहां इनका कार्यालय न हो. एक अनुमान के मुताबिक इसके 10 लाख से ज्यादा एजेंट भारत भर में फैले हैं.

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विप्रो
भारत में 1980 में स्थापित विप्रो देश की जानी मानी सूचना प्रौद्योगिकी सेवा कंपनी है जिसके चेयरमैन हैं अजीम प्रेमजी. अमेरिकी बिजनेस पत्रिका फोर्ब्‍स के मुताबिक वर्ष 1999 से 2005 तक अजीम प्रेमजी भारत के सबसे धनी व्यक्ति रह चुके हैं. कंपनी के स्तर पर बात करें तो इस कंपनी की जड़ें उस एक पुरानी मिल में दबी हैं जहां अजीम प्रेमजी के पिता ने इस कंपनी को स्थापित किया था. एक छोटी सी वनस्पति तेल कंपनी के रूप में 1947 से इस कंपनी का कारोबार फैलना शुरू हुआ. अपने पिता की मृत्यु के बाद अजीम प्रेमजी ने 21 साल की आयु में कारोबार के नेतृत्व का बीड़ा उठाया साल 1966 में (वेस्टर्न इंडिया वेजिटेबल प्रोडक्ट्स लिमिटेड) विप्रो लिमिटेड को एक फास्ट मूविंग कंस्यूमर गुड्स (एफएमसीजी) कंपनी के रूप में स्थापित किया. विप्रो लिमिटेड दरअसल वेस्टर्न इंडिया पाम रिफाइन्ड ऑयल्स थी जोकि बाद में वेस्टर्न इंडिया प्रॉडक्ट्स लिमिटेड हो गई. बेंगलुरू में कंपनी का हेक्वॉर्टर है. वेस्टर्न इंडिया प्रॉडक्ट्स लिमिटेड की बात करें तो में 140,000 कर्मी हैं और इसके 54 देशों में क्लाइंट्स फैले हुए हैं. 31 मार्च 2015 को खत्म हुए कारोबारी साल में कंपनी का रेवेन्यु 7.1  बिलियन डॉलर था. 

टाटा ग्रुप 
टाटा समूह एक भारतीय बहुराष्ट्रीय संगठन होल्डिंग कंपनी है जिसकी नींव 1868 में जमशेदजी टाटा ने रखी और 1904 तक इसे संभाला. इस ग्रुप में टाटा स्टील, टाटा मोटर्स, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, टाटा पावर, टाटा केमिकल्स, टाटा ग्लोबल बेवरिजेज, टाटा टेलीसर्विसेज, टाइटन, टाटा कम्युनिकेशंस और ताज ग्रुप शामिल हैं. कंपनी का मुख्यालय मुंबई, महाराष्ट्र, भारत में है और एक के बाद एक कई नामी गिरामी ग्लोबल कंपनियों को खरीदने के बाद अंतर्राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त हुई थी. बता दें कि टाटा ग्रुप 2015-2016 के बीच भारत का सबसे बड़ा समूह है. एक समय में टाटा कंपनियों का राजस्व 103.51 अरब डॉलर था. टाटा ग्रुप से अपने रोजगार के लिए 660,000 जुड़े हुए हैं. इस ग्रुप की प्रत्येक कंपनी या उद्यम अपने स्वयं के बोर्ड निदेशक और शेयरधारकों के मार्गदर्शन और पर्यवेक्षण के अंतर्गत स्वतंत्र रूप से संचालित होता है. एक अनुमान के मुताबिक, मार्च 2016 तक लगभग 116 अरब डॉलर के संयुक्त बाजार पूंजीकरण के साथ 30 सार्वजनिक रूप से लिस्टेड टाटा उद्यम हैं. कंपनी की बागडोर जमशेदजी के बाद सर दोराबजी टाटा, और उनके बाद जेआरडी टाटा, रतन टाटा, साइरस पालोनजी मिस्त्री, रतन टाटा और नटराजन चंद्रशेखरन ने भी संभाली. 

आनंद महिंद्रा ग्रुप
दुनिया के 100 से अधिक देशों में कारोबार कर रहा महिंद्रा ग्रुप की कंपनियां एग्रीबिजनेस, ऑटोमोटिव, एरोस्पेस, डिफेंस, लॉजिस्टिक, रियल एस्टेट, रीटेल, आईटी, एनर्जी, फाइनेंस और इंश्योरेंस जैसे सेक्टर्स में सक्रिय हैं.  इसकी कंपनी महिन्द्रा एंड महिन्द्रा लिमिटेड की बात करें तो इसकी स्थापना सन 1945 में लुधियाना में 'महिन्द्रा एंड महिन्द्रा' नाम से केसी महिन्द्रा एवं जेसी महिन्द्रा नामक दो भाइयों ने मलिक गुलाम मोहम्मद के साथ मिलकर की थी. आजादी के बाद मलिक गुलाम मोहम्मद पाकिस्तान चले गये और वहां के प्रथम वित्त मंत्री बने. आनंद महिन्द्रा महिंद्रा समूह के प्रबन्ध निदेशक एवं अध्यक्ष हैं. उनके दादा केसी महिन्द्रा कम्पनी के सह-संस्थापक थे उन्होंने इसकी स्थापना अपने गृह नगर लुधियाना, पंजाब से की थी.

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दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन
दिल्ली मेट्रो रेल निगम लिमिटेड ने ही दिल्ली मेट्रो रेल को शुरू किया जो आज भी सफलता के पायदान पर है. 24 दिसंबर 2002 को शहादरा तीस हजारी लाइन से दिल्ली मेट्रो शुरू हुई. बता दें कि सभी ट्रेनों का निर्माण दक्षिण कोरिया की कंपनी रोटेम (ROTEM) द्वारा किया गया है. दिल्ली की परिवहन व्यवस्था में मेट्रो रेल एक महत्वपूर्ण कड़ी है. इससे पहले जहां परिवहन का ज्यादातर बोझ सड़क परिवहन पर ही था, इसके आने के बाद दिल्ली की परिवहन व्यवस्था का रूप ही बदल गया. दिल्ली मेट्रो का प्रारंभिक चरण को 2006 में पूरा किया गया. बाद में इसे एनसीआर से सटे शहरों गाजियाबाद, फरीदाबाद, गुड़गांव और नोएडा तक विस्तार दिया गया. दिल्ली मेट्रो रेल व्यव्स्था अपने शुरुआती दौर से ही ISO 14001 सर्टिफिकेट ले पाई जो सुरक्षा और पर्यावरण की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है. सितंबर 2011 में संयुक्त राष्ट्र ने स्वच्छ विकास तंत्र योजना के तहत हरित गृह गैसों में कमी लाने के लिए दिल्ली मेट्रो को दुनिया का पहला "कार्बन क्रेडिट" दिया जिसमें तय किया गया था कि उसे सात सालों के लिए 95 लाख डॉलर मिलेंगे. एक अनुमान के मुताबिक दिल्ली मेट्रो में प्रतिदिन औसतन 2.76 मिलियन लोग यात्रा करते हैं.

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स्टेट बैंक ऑफ इंडिया
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया देश का सबसे बड़ा और सबसे पुराना बैंक है. 2 जून 1806 को कलकत्ता में 'बैंक ऑफ़ कलकत्ता' की स्थापना हुई थी जिसके तीन वर्षों के पश्चात इसको चार्टर मिला और इसका पुनर्गठन बैंक ऑफ़ बंगाल के रूप में 2 जनवरी 1809 को हुआ. यह अपने तरह का अनोखा बैंक था जो साझा स्टॉक पर ब्रिटिश इंडिया तथा बंगाल सरकार द्वारा चलाया जाता था. बैंक ऑफ़ बॉम्बे और बैंक ऑफ़ मद्रास की शुरुआत बाद में हुई. ये तीनों बैंक आधुनिक भारत के प्रमुख बैंक तब तक बने रहे जब तक कि इनका विलय इंपीरियल बैंक ऑफ़ इंडिया में 27 जनवरी 1921 को नहीं कर दिया गया. बाद में जब सन 1951 में पहली पंचवर्षीय योजना की नींव डाली गई जिसमें गांवों के विकास पर जोर डाला गया था. इस समय तक इंपीरियल बैंक ऑफ़ इंडिया का कारोबार सिर्फ़ शहरों तक सीमित था. ग्रामीण विकास के मद्देनजर एक ऐसे बैंक की कल्पना की गई थी जिसकी पहुंच गांवों तक हो तथा ग्रामीण जनता को जिसका लाभ हो सके. इसके बाद 1 जुलाई 1955 को स्टेट बैंक आफ़ इंडिया की स्थापना की गई. एक अनुमान के मुताबिक इसमें सरकार की हिस्सेदारी 61.58% है.  1 अप्रैल 2017 को एसबीआई में पांच बैंकों का विलय हो गया. बैंक इंडस्ट्री का यह अब तक पहला सबसे बड़ा कंसॉलिडेशन है. इस मर्जर के बाद यह दुनिया के टॉप 50 ग्लोबल बैंकों की श्रेणी में आ गया है जिसके अंडर में 278,000 कर्मी कार्यरत हैं. इसके कुल मिलाकर 420 मिलियन कस्टमर्स हैं. बैंक की 4,000 शाखाएं हैं और 59,000 एटीएम हैं. 

रैनबैक्सी
रैनबैक्सी मल्टीनेशनल फार्मास्यूटिकल कंपनी है जो 1961 में स्थापित की गई थी. 2014 में सन फार्मा ने कंपनी के 63.4% शेयर खरीद लिए. इसके बाद यह समूह दुनिया का पाचंवा सबसे बड़ा स्पेशलिटी जेनेरिक फार्मा कंपनी बनकर उभरा. रनबीर सिंह और गुरबक्श सिंह ने यह कंपनी 1937 में शुरू की और तब वह जापानी कंपनी Shionogi के लिए डिस्ट्रीब्यूटर के तौर पर काम करते थे. 1952 में भाई मोहन सिंह ने कंपनी अपने कजन्स रनबीर और गुरबक्श से खरीदी. 1967 में परविंदर सिंह के कंपनी संभालने के बाद कंपनी ने तेजी से तरक्की की. 2011 में रैनबैक्सी ग्लोबल कंज्यूमर हेल्थ केयर ने ओटीसी कंपनी ऑफ द ईयर अवॉर्ड प्राप्त किया. रैनेबैक्सी ने कई बार मोस्ट ट्रस्टेड ब्रैंड का अवॉर्ड जीता.

इनपुट : एजेंसियां

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