बिहार में बीजेपी के लालू-नीतीश पर आरोप वाले दो विवादास्पद विज्ञापनों पर लगा बैन

बिहार में बीजेपी के लालू-नीतीश पर आरोप वाले दो विवादास्पद विज्ञापनों पर लगा बैन

भाजपा अध्यक्ष अमित शाह (फआइल फोटो)

नई दिल्ली:

चुनाव आयोग ने बिहार में भाजपा के दो विवादास्पद विज्ञापनों पर शुक्रवार को प्रतिबंध लगा दिया। बिहार के मुख्य चुनाव अधिकारी अजय नायक को कड़े शब्दों में दिए गए सलाह में आयोग ने उनसे सुनिश्चित करने को कहा है कि शनिवार से चुनाव खत्म होने तक दोनों विज्ञापन किसी अखबार या पत्रिका में नहीं छपने चाहिए।

विज्ञापन में लगाया गया आरोप
एक विज्ञापन में आरोप लगाया गया है कि राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद और जदयू के नेता नीतीश कुमार दलितों और अति पिछड़े लोगों के आरक्षण अल्पसंख्यकों को देने की योजना बनाकर ‘दलितों का हिस्सा छीन’ रहे हैं।

हिंदी अखबारों में छप चुके हैं विज्ञापन
दूसरे विज्ञापन में ‘वोट की खेती’ या वोट बैंक राजनीति की बात है। इसमें दावा किया गया है कि राजद, जदयू और कांग्रेस के नेता एक विशेष समुदाय को खुश करने के लिए आतंकवादियों को पनाह देते हैं। दोनों विज्ञापन पटना से प्रकाशित प्रमुख हिंदी अखबारों में छप चुके हैं।

इस तरह के विज्ञापनों के प्रकाशन और प्रसारण पर रोक
आयोग ने राज्य के सीईओ से कहा है कि बिहार की भाजपा इकाई को सूचित करें कि इस तरह के विज्ञापनों का न तो प्रकाशन होना चाहिए न ही प्रसारण। इस हफ्ते की शुरुआत में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लालू और कुमार पर आरोप लगाए थे कि वे दलितों और अति पिछड़े लोगों का आरक्षण छीनकर ‘दूसरे समुदाय’ को देने का षड्यंत्र कर रहे हैं।

जांच करेंगे राज्य के चुनाव अधिकारी
चुनाव आयोग के सूत्रों ने कहा कि राज्य के चुनाव अधिकारी जांच करेंगे कि क्या विज्ञापन के प्रिंटर और पब्लिशर का नाम और ब्यौरा इस पर छपा है या नहीं। जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 127 ए के प्रावधानों के तहत यह आवश्यक है।

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

राज्य के सीईओ ने चुनाव आयोग को सौंपी रिपोर्ट
सूत्रों ने कहा कि विज्ञापन में लोगों को जाति और धार्मिक आधार पर बांटने की ‘क्षमता’ है जो चुनावी कानून और आदर्श आचार संहिता के खिलाफ है। इससे पहले महागठबंधन ने विज्ञापनों के खिलाफ चुनाव आयोग में शिकायत की थी। राज्य के सीईओ ने इस बारे में चुनाव आयोग को एक रिपोर्ट भी सौंपी है।