बिहार चुनाव के तीसरे दौर के मतदान के लिए तूफानी प्रचार थमा

बिहार चुनाव के तीसरे दौर के मतदान के लिए तूफानी प्रचार थमा

फाइल फोटो

पटना:

बिहार चुनाव के तीसरे चरण के मतदान के लिए तूफानी प्रचार सोमवार शाम थम गया। इस दौरान राजनीतिक दलों ने अपने विकास के नारे को काफी हद तक एक तरफ रखकर आरक्षण के मुद्दे पर एक-दूसरे पर निशाना साधा। दशहरा के मौके पर कुछ देर के लिए रुके राजनीतिक विरोधी एक बार फिर पूरी ताकत से मैदान में उतर आए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए और दूसरे खेमे में खड़े जेडीयू, आरजेडी, कांग्रेस ने प्रचार के दौरान एक-दूसरे को ऐसे मुद्दों पर घेरने की कोशिश की, जिनका बिहार से ज्यादा कुछ लेना-देना नहीं है।

प्रचार के दौरान महागठबंधन ने दावा किया कि नरेंद्र मोदी सरकार एससी, एसटी और ओबीसी के लिए आरक्षण समाप्त करने जा रही है, जिसका प्रधानमंत्री ने माकूल जवाब दिया। इस दौरान हरियाणा के फरीदाबाद में दलित परिवार को जलाने, इस पर केंद्रीय मंत्री वीके सिंह की कुत्ते वाली टिप्पणी, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के एक तांत्रिक से मिलने का वीडियो आदि चुनाव प्रचार को मसालेदार बनाने वाले मुद्दे रहे।

एक स्टिंग वीडियो में जेडीयू विधायक सत्यदेव सिंह को एक व्यापारी से कथित घूस लेते हुए दिखाया जाना भी मोदी और उनके एनडीए सहयोगियों को महागठबंधन पर निशाना साधने की वजह दे गया। छपरा, नालंदा और पटना में रविवार को रैलियों को संबोधित करते हुए मोदी ने नीतीश-लालू को 18वीं शताब्दी की मानसिकता वाले नेता बताया। उन्होंने कहा कि आरजेडी प्रमुख 'राष्ट्रीय जादू टोना' पार्टी की अगुवाई कर रहे हैं।

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नीतीश कुमार ने भी बिना समय गंवाए जवाबी हमला किया और ट्वीट कर कहा, 'बिहार की जनता शाह और उनके आका (मोदी) को इन चुनावों में लोकतांत्रिक शक्तियों की ताकत का एहसास करा देगी...वह अपनी निश्चित हार देखकर घबराए हुए हैं।