राघोपुर में बेटे तेजस्वी के लिए चुनाव प्रचार करते लालू प्रसाद
नई दिल्ली: आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव के छोटे बेटे 26 वर्षीय तेजस्वी इस चुनाव में अपने परिवार के पुराने गढ़ राघोपुर पर दोबारा अपना परचम लहराने के मिशन पर निकले हैं। इससे पहले साल 2010 के विधानसभा चुनाव में लालू परिवार की इस सीट पर जेडीयू के उम्मीदवार सतीश कुमार ने पूर्व सीएम राबड़ी देवी को हराकर बड़ा उलटफेर किया था।
राज्य में जेडीयू और आरजेडी के बीच हुए गठबंधन से बने ताजा राजनीतिक एवं जातीय समीकरण से तेजस्वी की राह आसान दिख रही है। हालांकि इसमें सतीश कुमार एक रोड़ा बन सकते हैं, जो बीजेपी के टिकट पर चुनावी समर में ताल ठोक रहे हैं।
नौवीं पास हैं तेजस्वी
चुनाव आयोग के समक्ष दायर हलफनामे के मुताबिक, आरजेडी सुप्रीमों के छोटे बेटे तेजस्वी ने दिल्ली के मशहूर डीपीएस स्कूल से 9वीं तक की पढ़ाई की है। तेजस्वी मैट्रिक पास भले ना हो, लेकिन करोड़ों की संपत्ति के मालिक हैं और उन्होंने कई कंपनियों में भी निवेश कर रखा है। इसके साथ ही उन्होंने अपने हलफनामे में खुद पर एक संज्ञेय अपराध का मामला होने का भी जिक्र किया है।
पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं तेजस्वी का मानना है कि बिहार के वैशाली जिले की यह सीट उनके लिए एकदम सही जगह होगी। उनके पिता लालू और मां राबड़ी देवी यादव बहुल राघोपुर सीट से जीतते रहे हैं। साल 1995 से शुरू हुआ यह सिलसिला 15 साल तक चलता रहा और इसलिए इसे आरजेडी समर्थकों का गढ़ भी माना जाता है।
मोदी लहर के सहारे सतीश देंगे तेजस्वी को टक्कर
हालांकि पिछली बार नीतीश लहर पर सवार होकर राघोपुर सीट जीतने वाले सतीश कुमार इस बार मोदी लहर के सहारे अपनी नैया खेने में जुटे हैं। वहीं यादव बहुल इलाका होने की वजह से इस बार पप्पू यादव ने भी लालू-राबड़ी पुत्र को परास्त करने के लिए पूरा जोर लगा रखा है। खबर यह भी है कि वह तेजस्वी के खिलाफ किसी कद्दावर यादव नेता को उम्मीदवार बनाने की तैयारी में जुटे हैं।
पिछले चुनाव में राबड़ी देवी की हार की अहम वजह इस इलाके के पिछड़ेपन को बताया गया था और तेजस्वी भी इसे परिचित हैं और इसीलिए चुनावी अभियान पर भी वह कुछ कमर तोड़ मेहनत कर रहे हैं।