बिहार चुनाव : भड़काऊ भाषण, अभद्र शब्‍दावली और ठिठोलियों का 'कॉकटेल'

बिहार चुनाव : भड़काऊ भाषण, अभद्र शब्‍दावली और ठिठोलियों का 'कॉकटेल'

लालू और नीतीश (फाइल फोटो)

नई दिल्‍ली:

बिहार चुनाव में नीत एनडीए गठबंधन और जेडीयू, आरजेडी और कांग्रेस के महागठबंधन के बीच इस बार आर-पार की लड़ाई है। तीन चरण की वोटिंग हो चुकी है और अभी तक चुनाव के बाद की  राजनीतिक तस्‍वीर धुंधली है। दिग्‍गज राजनीतिक विश्‍लेषक और राजनेता भी परिणाम को लेकर कोई पूर्वानुमान लगाने से बच रहे हैं।
 
कभी ऊंट बीजेपी नीत एनडीए गठबंधन के पक्ष में जाता दिख रहा है तो कभी महागठबंधन पूरे दम-खम से बाजी मारता नजर आ रहा है। वनडे मैच की ही तरह रोमांचक हो चुके इस चुनावी समर में महंगाई, गरीबी, आतंकवाद, विकास जैसे आम आदमी से जुड़े  मुद्दे मानो गायब हो गए हैं और इनकी जगह भड़काऊ भाषण, अभद्र शब्‍दावली और हंसी-मजाक से भरपूर बयानों ने ले ली है।

भाजपा प्रमुख अमित शाह ने चुनाव को परोक्ष रूप से हिंदुत्‍व से जोड़ते हुए यह तक कह दिया कि अगर भाजपा बिहार चुनाव हारी तो पाकिस्‍तान में पटाखे फूटेंगे। उनके इस बयान से ऐसा लगा मानो यह चुनाव भारत नहीं, बल्कि पाकिस्‍तान में हो रहे हों। आइए जानते हैं कि चुनावी जंग में नेता कब-कब मुद्दे से भटककर यह चुनाव बेफिजूल की बातों में उलझते देखे गए...।

भड़काऊ भाषण देने में कोई पीछे नहीं
भाजपा अध्‍यक्ष अमित शाह ने चुनाव में नजदीकी मुकाबला देखते हुए कथित तौर पर हिंदुत्‍व कार्ड चलाते हुए  बयान दिया कि अगर भाजपा बिहार चुनाव हारी तो पाकिस्‍तान में पटाखे फूटेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आरक्षण के मसले पर मैदान में उतरते दिखे। हाशिये पर पड़े आरक्षण के मसले को लेकर उन्‍होंने महागठबंधन के नेताओं सोनिया गांधी, नीतीश कुमार और लालू प्रसाद पर निशाना साधा।

मोदी ने कहा कि ये सभी नेता वोट बैंक की राजनीति के तहत दलितों, महादलितों और पिछड़े वर्गों के आरक्षण कोटे में से पांच प्रतिशत की कटौती करके किसी सम्प्रदाय विशेष को देने की साजिश रच रहे हैं। पीएम नहीं रुके, उन्‍होंने कहा कि इस साजिश को विफल बनाने के लिए वह अपनी जान की बाजी लगा देंगे। गो-मांस (बीफ) जब चुनावी राजनीति में चर्चा का विषय बना तो लालू ने यह कहकर माहौल गरमा दिया कि हिंदू भी बीफ खाते हैं। बस फिर क्‍या था, सारी बयानबाजी इसी पर केंद्रित हो गई। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा डाला कि बीफ और बकरे के मांस में बहन और पत्‍नी जैसा अंतर है।

चारा चोर, नरभक्षी और ब्रह्मपिशाच जैसे शब्‍दों का इस्‍तेमाल
प्रचार के दौरान नेताओं ने एक-दूसरे के खिलाफ आपत्तिजनक शब्‍दों के इस्‍तेमाल में कोई परहेज नहीं किया। आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव ने प्रधानमंत्री की तुलना 'कालिया नाग' से कर डाली तो पीएम मोदी ने चंदन कुमार और भुजंग प्रसाद जैसे शब्‍दों का इस्‍तेमाल किया। नौबत यहां तक पहुंची कि लालू ने अमित शाह के लिए 'नरभक्षी' शब्‍द का इस्‍तेमाल कर डाला। शाह कहां रुकने वाले थे, उन्‍होंने लालू को 'चारा चोर' की उपमा दे डाली।

भाजपा के कुछ राज्‍य स्‍तर के नेताओं ने कांग्रेस अध्‍यक्ष सोनिया गांधी के लिए अपमानशब्‍द शब्‍दों का इस्‍तेमाल किया। कहीं बीजेपी अलायंस को राक्षसी सेना की उपमा दी गई तो कहीं महागठबंधन को अवसरवादी करार दिया गया। लालू यादव तो अपने भाषण में यह तक कहने से नहीं चूके कि 'लोग हमसे पूछते हैं कि नीतीश और हम इकठ्ठे क्यों हुए हैं? हम बोलते हैं कि नरेंद्र मोदी को बधिया (खस्सी) करने के लिए आए हैं।' उन्‍होंने मोदी को देश का अब तक का सबसे घटिया पीएम करार दिया। लालू ने मोदी को कलयुगी धृतराष्ट्र कह दिया और भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को दुर्योधन।

हंसी-ठिठोली के जुमलों का भी प्रयोग
लालू यादव जिस चुनाव में स्‍टार प्रचारक हों और उसमें हंसी-ठिठोली न हो, संभव ही नहीं है। बिहार चुनाव प्रचार में भी लालू ने अपने 'रेडीमेड जुमलों' से लोगों को जमकर हंसाया। हालांकि कई बार वे इस मामले में हद को पार करते भी दिखे। बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने जब पीएम मोदी के लिए फिल्‍म 'थ्री ईडियट' के 'बहती हवा सा था वो' को पैरोडी के तौर पर इस्‍तेमाल किया।

नीतीश ने कहा, 'बहती हवा सा था वो, गुजरात से आया था वो, कालाधन लाने वाला था वो, कहां गया.. उसे ढूंढो...। हमको देश की फिकर सताती... वो हर वक्त विदेश के दौरे लगाता दाऊद को लाने वाला था... वो कहां गया उसे ढूंढो.।'

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मोदी कहां चुप रहने वाले थे। उन्‍होंने कहा, 'कई साल के बाद बिहार में मनोरंजन देखने  को मिल रहा है। लालू-नीतीश के बीच प्रतिस्पर्धा चल रही है। उन्होंने कहा कि नीतीश मुशायरा कर रहे थे। वे लालू को परास्त करने की कोशिश कर रहे थे। दरबारी ऐसे थे कि कविता खत्म होसे पहले ही ठहाके लगा रहे थे।' पीएम ने कहा कि 'वे थ्री पार्टनर हैं यह तो पता था, लेकिन थ्री इडियट्स का गाना क्यों गाया, इस पर आश्चर्य हुआ।'