बढ़ती असहिष्णुता को लेकर चहुंओर आरोप-प्रत्यारोप, मोदी ने कांग्रेस को लताड़ा

बढ़ती असहिष्णुता को लेकर चहुंओर आरोप-प्रत्यारोप, मोदी ने कांग्रेस को लताड़ा

राहुल गांधी (फाइल फोटो)

नई दिल्ली:

असहनशीलता या असहिष्णुता को लेकर जारी बहस के बीच प्रधानमंत्री मोदी ने सोमवार को कांग्रेस पर जवाबी हमला बोला। बिहार के पूर्णिया में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सिख विरोधी दंगों के आरोप कई कांग्रेस नेताओं पर लगे और आज वही कांग्रेस सहनशीलता की बात कर रही है। पूर्णिया की चुनावी सभा में प्रधानमंत्री ने 31 साल पुरानी हिंसा को याद किया।

पीएम ने कहा, 1984 का 2 नवंबर याद करो
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कांग्रेस 2 नवंबर 1984 की तारीख भूल गई है जब देश में सिखों का कत्लेआम हुआ था। प्रधानमंत्री ने कहा, "आज 2 नवंबर है। 1984 का 2 नवंबर याद करो। इंदिरा गांधी की हत्या के दूसरे, तीसरे और चौथे दिन दिल्ली में, हिन्दुस्तान में सिखों का कत्लेआम चल रहा था। कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगे थे। कांग्रेस के नेताओं पर गंभीर आरोप लगे थे। और आज उसी 2 नवंबर को कांग्रेस "टोलरेन्स" पर भाषण देने लगी है। अरे, डूब मरो, डूब मरो। ये आपको शोभा नहीं देता है।"  

राहुल ने मंत्रियों की मानसिकता को लेकर निशाना साधा
कुछ ही देर बाद राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री को याद दिलाया कि कैसी मानसिकता के लोग उनके मंत्री हैं। मोतीहारी में एक चुनावी सभा में राहुल गांधी ने कहा, "उनके एक मंत्री से पत्रकारों ने पूछा, यह जो 2 दलित बच्चे हैं, जो मरे हैं - उनके बारे में आप क्या सोचते हैं? मंत्री ने कहा जब कुत्ता मरता है तो उससे सरकार का क्या लेना-देना?"

मंगलवार को राष्ट्रपति से मिलेंगे राहुल गांधी
इससे पहले लेखकों, इतिहासकारों, फिल्मकारों और वैज्ञानिकों के विरोध की आलोचना करते हुए अरुण जेटली ने नए सिरे से लिखा, "बहुत सारे लोग हैं जिन्हें बीजेपी का सत्ता में होना कबूल नहीं है। इसमें साफ तौर पर कांग्रेस और लेफ्ट के बहुत सारे विचारक और कार्यकर्ता हैं। दशकों से उन्होंने बीजेपी को लेकर वैचारिक असहनशीलता दिखाई है। 2002 से प्रधानमंत्री खुद इस वैचारिक असहनशीलता के सबसे बड़े शिकार रहे हैं।" कांग्रेस ने जेटली के दावों पर सवाल उठाने में देरी नहीं की। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता, आनंद शर्मा ने कहा, "प्रधानमंत्री के बारे में, उनके पक्ष में जेटली का बयान एक मज़ाक है।" अब देश में बढ़ती असहनशीलता को लेकर राहुल गांधी कांग्रेस नेताओं के एक डेलिगेशन सहित मंगलवार को राष्ट्रपति से मिलेंगे।

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दरअसल वैचारिक असहनशीलता के सवाल पर राष्ट्रीय बहस हर रोज़ उलझती जा रही है। मुश्किल यह है कि हर बार जब सरकार इस मामले पर सफाई दे रही है, यह विवाद और पेचीदा होता जा रहा है और इस वजह से इस विवाद के जल्दी खत्म होने के आसार फिलहाल दिखाई नहीं देते।