
पटना के गांधी मैदान पर आयोजित रावण वध कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार.
बिहार में सत्तारूढ़ NDA के दो घटक जनता दल यूनाइटेड और भारतीय जनता पार्टी के बीच सब कुछ ठीक नहीं चल रहा. इसका एक उदाहरण मंगलवार को पटना के गांधी मैदान में देखने को मिला जब हर साल आयोजित होने वाली रावण वध कार्यक्रम में वो चाहे बिहार के राज्यपाल हों या उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी या भारतीय जनता पार्टी के स्थानीय विधायक, कोई नहीं दिखा.
जहां तक राज्यपाल फागू चौहान का प्रश्न है, राजभवन के सूत्रों के अनुसार उनकी तबियत पिछले कुछ दिनों से ठीक नहीं चल रही है तो वे अस्वस्थता के कारण इस कार्यक्रम में भाग लेने में असमर्थ थे. उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी के अधिकांश स्टाफ का कहना है कि वे पटना में मौजूद हैं, लेकिन जानकारों का कहना है कि वे अपने बेटे के पास कर्नाटक गए हैं. वहीं स्थानीय विधायक नितिन नवीन ने कहा कि वे जल जमाव वाले इलाके का दौरा कर रहे थे और कुछ पारिवारिक कारणों से इस कार्यक्रम में शामिल नहीं हो पाए.
हालांकि पटना सिटी इलाके से विधायक नंदकिशोर यादव अपने इलाके में रावण के पुतला दहन के कार्यक्रम में शामिल हुए. जबकि केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद, जो मंगलवार की शाम को पटना पहुंचे, उन्होंने पहले से घोषणा कर दी थी कि वे किसी सार्वजनिक कार्यक्रम में जल जमाव और कुछ इलाकों में बाढ़ के पानी के कारण भाग नहीं लेंगे और प्रभावित परिवारों के साथ समय गुजारेंगे.
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गांधी मैदान के कार्यक्रम के आयोजकों में सचिव कमल नोपानी का कहना था कि यह कार्यक्रम एक सामाजिक संस्था के तहत पिछले कई दशकों से हो रहा है. इसके सदस्यों में राज्यपाल से लेकर सभी विधायक और मंत्री हैं इसलिए सभी दलों के नेताओं को आमंत्रित किया जाता है. इस बार भी बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष मदन मोहन झा आए थे. उन्होंने स्वीकार किया कि किसी भाजपा नेता की तरफ से नहीं आने की सूचना उन्हें प्राप्त नहीं हुई.
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