
कन्हैया कुमार की फाइल फोटो.
खास बातें
- पटना एम्स में चिकित्सकों से विवाद पर कन्हैया के खिलाफ मुकदमा
- एम्स प्रशासन ने कन्हैया और दर्जनों अज्ञात लोगों के खिलाफ कराया केस
- एम्स में भर्ती नेता को देखने गए थे जेएनयू के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष
जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार (JNU leader Kanhaiya Kumar) के खिलाफ पटना के फुलवारी शरीफ़ थाने में मारपीट और अभद्र व्यवहार का एक मामला सोमवार को दर्ज हुआ.दरअसल ये मामला रविवार शाम का है, जब कन्हैया अपने समर्थकों के साथ पटना एम्स में भर्ती एआईएसएफ के राष्ट्रीय सचिव सुशील कुमार को देखने पहुंचे थे. कन्हैया के साथ गए लोगों ने माना कि वार्ड में जाने को लेकर उनकी नोकझोंक हुई, लेकिन मारपीट की कोई घटना नहीं हुई. उनका दावा हैं कि अगर किसी तरह की हिंसक घटना हुई तो उसका सीसीटीवी फ़ुटेज ज़रूर होगा. उसे भी प्राथमिकी के साथ सुबूत के तौर पर दिखाया जाए. उनका कहना हैं कि कन्हैया के साथ सुरक्षा में दो पुलिसकर्मी भी थे, जिनके साथ घटना के बारे में पूछताछ की जा सकती है.
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उधर, घटना के बाद सोमवार को जब जूनियर डाक्टरों ने हड़ताल की धमकी दी और साथ साथ ओपीडी को बाधित कर दिया तब एम्स प्रशासन हरकत में आया और प्राथमिकी दर्ज करने की कारवाई हुई. मगर प्राथमिकी दर्ज करने के बाद राज्य के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय जिस ढंग से इस मुद्दे पर मुखर दिखे, उससे घटना के राजनीतिक रूप लेने की झलक दिखी. कन्हैया के ऊपर नामज़द प्राथमिकी दर्ज होने के पहले डॉक्टरों ने यहां तक कह दिया कि अब वे सुशील कुमार का इलाज नहीं करेंगे. चिकित्सकों की इस चेतावनी पर सवाल उठ रहे हैं. लोग कह रहे हैं कि चिकित्सकों से किसी मरीज के इलाज से इन्कार की उम्मीद नहीं की जा सकती है. दूसरा कन्हैया के साथ 70-80 लोगों के वार्ड में जाने की बात कही गई है. इस बात को कन्हैया पक्ष खारिज कर रहा है.
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बताया जा रहा है कि बिहार की राजनीति में लालू यादव के सता के शीर्ष दिनों को अगर आप छोड़ दे तो कोई भी ऐसा राजनेता नहीं हैं जिसके साथ इतनी संख्या में समर्थकों का हुजूम चलता हो. कन्हैया के साथ भी बीस से अधिक लोगों की संख्या नहीं होती. हालांकि कन्हैया का व्यवहार उनके लिए परेशानी का मुद्दा बनता रहा हैं. हालांकि, इस मुद्दे पर बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय की सक्रियता जितनी देखी गयी वो बिहार सरकार के अपने अस्पतालों की हालत सुधारने और आये दिन होने वाले हड़ताल के दौरान भी नहीं देखी गयी. कहा जा रहा है कि एम्स की घटना के बहाने कन्हैया को घेरने की तैयारी हो रही हैं.