
मुजफ्फरपुर के दौरे के दौरान सीएम नीतीश कुमार.
बिहार के मुजफ्फरपुर में इंसेफेलाइटिस से 100 से ज्यादा बच्चों की मौत के मामले में क्या बिहार सरकार के दोनों सहयोगी दलों भाजपा और जदयू के बीच सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है? ये सवाल इसलिए उठ रहा है कि जिस काम के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पहले ही निर्देश जारी कर चुके हैं, उसी काम के लिए बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी दिल्ली में केंद्रीय वित्त मंत्री से फंड की मांग कर रहे हैं. मुजफ्फरपुर में 100 बेड के आईसीयू और रिसर्च सेंटर के लिए सुशील मोदी ने केंद्रीय वित्त मंत्री से 100 करोड़ रुपये की मांग की है. जबकि पिछले मंगलवार को ही मुजफ्फरपुर के दौरे के वक्त मुख्यमंत्री ने इसके निर्माण के लिए स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव को निर्देश देते हुए कहा था कि इस अस्पताल की क्षमता बढ़ाएं और यहां 2500 बिस्तर की व्यवस्था सुनिश्चित करें. इस दिशा में अविलंब फैसला लेते हुए तत्काल प्रथम चरण में 1500 बेड का प्रबंध किया जाए. यहां 100 बेड का पेडियाट्रिक्स आईसीयू बनाया जाएगा.
सुशील मोदी ने यह मांग दिल्ली में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात के दौरान की. दिल्ली के विज्ञान भवन में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीमारमण की अध्यक्षता में हुई राज्यों के वित्त मंत्रियों के साथ बजट पूर्व बैठक में उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने यह मांग रखी. उन्होंने नए एम्स के निर्माण की जगह राज्य के पुराने मेडिकल कॉलेज को ही एम्स में परिवर्तित करने की मांग भी की.
'बच्चों की मौत के लिए लीची को जिम्मेदार ठहराना इस फल को बदनाम करने की साजिश तो नहीं'
गौरतलब है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को मुजफ्फरपुर स्थित श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज अस्पताल (एसकेएमसीएच) का भ्रमण कर वहां एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम से पीड़ित इलाजरत बच्चों के संबंध में विस्तृत जानकारी ली थी और बेहतर चिकित्सा व्यवस्था को लेकर कई निर्देश दिए थे. मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव को निर्देश देते हुए कहा था कि इस अस्पताल की क्षमता बढ़ाएं और यहां 2500 बिस्तर की व्यवस्था सुनिश्चित करें. इस दिशा में अविलंब फैसला लेते हुए तत्काल प्रथम चरण में 1500 बेड का प्रबंध किया जाए. यहां 100 बेड का पेडियाट्रिक्स आईसीयू बनाया जाएगा.
हालांकि, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना हैं कि नीतीश कुमार के निर्देश से साफ था कि ये आईसीयू बिहार सरकार अपने पैसे से बनायेगी क्योंकि मशीन के साथ इस पर पूरा खर्च 50 करोड़ रुपये आएगा. लेकिन उनका कहना हैं की सुशील मोदी ये दिखाना चाहते हैं कि उनके प्रयास से ये पैसा केंद्र ने दे दिया.
बिहार की चरमराती स्वास्थ्य व्यवस्था सवालों के घेरे में, चौंकाने वाले तथ्य
इस मामले में बीजेपी और जेडीयू में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है, इस बात का पता इससे भी चलता है कि बिहार में बीजेपी के वरिष्ठ नेता व जाने माने डॉक्टर सीपी ठाकुर ने गुरुवार को मामले में प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखी थी. सीपी ठाकुर ने कहा कि मुजफ्फरपुर में केंद्र सरकार के बायोकेमिकल लैब की स्थापना की घोषणा की जा सकती थी जो मल्टी स्पेशियलिटी सुविधा से युक्त हो. इससे लोगों के गुस्से के शांत करने में मदद मिलेगी.
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