
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार.
खास बातें
- जोकीहाट उपचुनाव में जेडीयू की हार पर बोले नीतीश कुमार
- चुनाव में उम्मीदवार के लिए नहीं, काम के लिए वोट मांगा
- आश्वस्त किया कि हार के बावजूद वे काम करते रहेंगे
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जोकीहाट उपचुनाव में अपनी पार्टी की हार पर मंगलवार को मुंह खोला. नीतीश ने कहा कि कोई वोट दे या नहीं उसकी परवाह नहीं लेकिन कोई बताए कि क्या समझौता करने से उनके कामकाज और सरकार के एजेंडे पर कोई प्रभाव पड़ा है?नीतीश कुमार पटना में अपनी पार्टी की युवा शाखा द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे. जोकीहाट के परिणाम के बहाने नीतीश ने खुलकर अपने विचार रखे और साफ़-साफ़ कहा कि वोट दें या नहीं उससे मतलब नहीं लेकिन जो काम वे सबके लिए कर रहे हैं वह करते रहेंगे. उन्होंने कहा कि विधानसभा उपचुनाव में उन्होंने अपने उम्मीदवार के लिए वोट नहीं मांगा बल्कि उस काम के लिए जो कर दिया और आपके सामने है. काम पर वोट देना है तो जनता दल यूनाइटेड है. नीतीश कुमार के प्रत्याशी जोकीहाट विधानसभा उपचुनाव में चालीस हज़ार से अधिक वोटों से पराजित हुए.
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सभा में नीतीश ने यह भी कहा कि जातीय समीकरण में उनका कोई विश्वास नहीं है. लेकिन हार से निश्चित रूप से नीतीश दुखी दिखे. उन्होंने कहा कि बारह साल काम किया और उनका ध्यान न्याय, विकास और इंसाफ़ के साथ तरक़्क़ी पर रहा. नीतीश ने हालांकि मुस्लिम समुदाय के लोगों को आश्वस्त किया कि हार के बावजूद वे काम करते रहेंगे. उन्होंने याद दिलाया कि पहले मदरसा के लोगों को वेतन के लिए लाठी खानी पड़ती थी लेकिन अब सरकार का अल्पसंख्यक कल्याण का बजट सही में ख़र्च होता है.
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नीतीश ने मुस्लिम समुदाय को चुनौती दी कि वे बताएं कि आख़िर भाजपा के साथ जाने के बाद क्या कामकाज पर असर पड़ा है. उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के मुद्दे पर अपनी ज़ीरो टॉलरेंस की नीति के कारण वे जब अलग हो गए तो लोग उसके विश्लेषण में उनके ख़िलाफ़ लिख रहे हैं लेकिन उनको उसकी परवाह नहीं है. लेकिन अंत में नीतीश ने कहा कि उनकी समाज के सभी वर्गों के लोगों को लेकर चलने की प्रतिबद्धता है और वे काम करते रहेंगे.