
प्रशांत किशोर JDU के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं. (फाइल फोटो)
खास बातें
- प्रशांत किशोर NRC पर अपने रुख पर कायम
- देशभर में एनआरसी के खिलाफ हैं किशोर
- शनिवार को की थी CM नीतीश कुमार से मुलाकात
बिहार की सत्ताधारी पार्टी जनता दल यूनाइटेड (JDU) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर यानी एनआरसी (NRC) के मसले पर अपने रुख पर कायम हैं. रविवार सुबह एक ट्वीट कर उन्होंने इस बात को पूरी तरह से साफ कर दिया है. किशोर ने लिखा है कि वह पूरे देश में एनआरसी लागू किए जाने पर इसके विरोध को लेकर अपने रुख पर कायम हैं. उन्होंने ट्वीट किया, 'देशभर में एनआरसी का विचार नागरिकता की नोटबंदी के बराबर है. जब तक आप इसे साबित नहीं करते तब तक आप अमान्य हैं. हम अपने अनुभव से जानते हैं कि गरीब और हाशिए पर खड़े लोग इससे सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं.'
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बीते शनिवार प्रशांत किशोर ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात की थी. करीब डेढ़ घंटे मुलाकात के बाद मीडिया से बात करते हुए किशोर ने कहा था कि नीतीश देशभर में एनआरसी के मामले में अभी भी विरोध के पुराने स्टैंड पर कायम हैं. उन्होंने कहा कि सीएम को लगता है कि एनआरसी और नागरिकता संशोधन कानून एक साथ खतरनाक हैं.
The idea of nation wide NRC is equivalent to demonetisation of citizenship....invalid till you prove it otherwise.
— Prashant Kishor (@PrashantKishor) December 15, 2019
The biggest sufferers would be the poor and the marginalised...we know from the experience!!#NotGivingUp
प्रशांत किशोर और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मुलाकात को लेकर कयास लगाए जा रहे थे कि किशोर सीएम से मिलकर पार्टी उपाध्यक्ष के पद से इस्तीफा दे देंगे. बताया गया कि नीतीश कुमार ने किशोर का इस्तीफा नामंजूर कर दिया. इससे पहले किशोर ने ट्विटर पर अपना बायो बदला था, जिसके बाद से ही उनके पार्टी छोड़ने की खबरें सुर्खियां बनी हुई थीं. JDU के वरिष्ठ नेता आरसीपी सिंह ने कहा था कि प्रशांत किशोर हैं कौन, अगर वह पार्टी से जाना चाहते हैं तो वह स्वतंत्र हैं.
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