रामविलास पासवान ने राज्यसभा के लिए किया नामांकन
भले ही बीजेपी ये दावा कर रही हो कि इस बार का जनादेश जातिवाद और परिवरवाद के खिलाफ था लेकिन इसे अंगूठा दिखाते हुए लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामविलास पासवान ने अब राज्यसभा के लिए अपना नामांकन बिहार से भरा. भाजपा विपक्षी दलों पर अक्सर वंशवाद का आरोप लगाती रहती है, लेकिन उसकी ही सहयोगी लोक जनशक्ति पार्टी में वंशवाद की मिसाल देखी जा सकती है. रामविलास पासवान, जो राज्यसभा उपचुनाव में बिहार से एनडीए के उम्मीदवार हैं, उनके बेटे चिराग पासवान और उनके दो भाई इस बार लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए. यानी एक ही परिवार के चार-चार लोग सांसद होंगे.
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गौरतलब है कि केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने शुक्रवार को राज्यसभा के लिए बिहार से खाली सीट से एनडीए उम्मीदवार के रूप में नामांकन किया. पासवान का निर्वाचन बिना चुनाव के होना तय है क्योंकि विपक्ष उनके खिलाफ कोई उम्मीदवार नहीं दे रहा. ये सीट केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद के लोकसभा में पटना साहेब से निर्वाचित होने के बाद खाली हुई. उनके नामांकन में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समेत बिहार एनडीए के अन्य नेता मौजूद थे.
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इस बार लोकसभा चुनाव में पासवान परिवार से उनके दो भाई और बेटा चिराग पासवान निर्वाचित हुए हैं. बता दें कि पासवान हाल में सम्पन्न लोकसभा चुनाव नहीं लड़े थे. उन्होंने अपनी पारंपरिक हाजीपुर सीट से अपने छोटे भाई पशुपति कुमार पारस को लड़ाया जिन्होंने लोजपा के लिए यह सीट बरकरार रखी. पासवान आज दोपहर दिल्ली से पटना पहुंचे और सीधे अपनी पार्टी के प्रदेश मुख्यालय गए, जहां से वह राज्य विधानसभा परिसर पहुंचे. राज्यसभा उपचुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 25 जून है. राज्यसभा के लिए उपचुनाव तीन राज्यों में हो रहा है. नामांकन पत्रों की जांच अगले दिन 26 जून को होगी. नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि 28 जून है जबकि मतदान और मतगणना पांच जुलाई को होगी.